एक गलती और लगा लाशों का ढेर: आशीष बार-बार चालक से कहता रहा एक ही बात, मान जाता ये बात तो न जलतीं पांच चिताएं
- Deepak Singh Sisodia
- May 17
- 4 min read
यूपी सड़क दुर्घटना समाचार: घायल आशीष ने जानकारी दी कि हरदोई और शाहजहांपुर के लगभग 80 से 90 परिवार पंजाब में विभिन्न स्थानों पर स्थित ईंट भट्टों में श्रम कार्य करते हैं। लगभग आठ महीने पूर्व, शाहजहांपुर निवासी ठेकेदार मैंस ने इन सभी परिवारों को पंजाब के मोड़ा भट्टी स्थित ईंट भट्टों में मजदूरी के लिए भेजा था।

तेज रफ्तार के कारण हादसे का शिकार: आशीष और नीलम की आपबीती
जिला अस्पताल में भर्ती घायल आशीष और उनकी पत्नी नीलम ने बताया कि वे ड्राइवर से वाहन धीरे चलाने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन उसने उनकी बात नहीं मानी। तेज गति के कारण स्पीड ब्रेकर के आते ही कैंटर अनियंत्रित हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के समय लगभग सभी लोग नींद में थे।

तेज रफ्तार के कारण असुविधा और चेतावनी की अनदेखी
पंजाब के मोड़ा से लोग बृहस्पतिवार शाम लगभग छह बजे तीन कैंटर में सवार होकर अपने गांव के लिए रवाना हुए थे। उनके साथ पंजाब से निकली दो अन्य गाड़ियां आगे निकल गई थीं। उन गाड़ियों को पकड़ने के लिए चालक सुनील ने गति बढ़ा दी थी। आशीष ने कई बार उससे गति धीमी करने का अनुरोध किया था, और तेज रफ्तार के कारण कैंटर में सवार बच्चों और महिलाओं को हो रही असुविधा की ओर भी ध्यान दिलाया था। इसके बावजूद, चालक ने उनके अनुरोध को अनसुना कर दिया।

पंजाब के ईंट भट्ठों से लौटते मजदूरों की यात्रा
आशीष ने बताया कि हरदोई और शाहजहांपुर के लगभग 80 से 90 परिवार विभिन्न स्थानों पर स्थित पंजाब के ईंट भट्ठों पर मजदूरी करते हैं। लगभग आठ महीने पहले, शाहजहांपुर के ठेकेदार मैंस ने इन सभी को पंजाब के मोड़ा भट्टी स्थित ईंट भट्ठों पर काम के लिए भेजा था। बृहस्पतिवार शाम लगभग छह बजे, सभी लोग तीन गाड़ियाँ किराये पर लेकर अपने-अपने गांव लौट रहे थे। इन गाड़ियों को ठेकेदार मैंस ने ही किराये पर लिया था।

विभिन्न गांवों के निवासियों की स्वास्थ्य स्थिति और इलाज का विवरण
रोहिनी (13), पंचम (17), तारा (20), सुमित (13), सोनू (29), सतीश (50), रामचंद्र (60), छोटी (30), मोहिनी (14), रामवीर (24), निशांत (10), जो सभी सुरजीपुर गांव, थाना बेठा गोकुलधाम, जनपद हरदोई के निवासी हैं; विजय (10), जो मियांपुर, थाना सिंधौली, जनपद शाहजहांपुर के निवासी हैं; बिजेंद्र (25), आयुष (5), तनु (6), जो माईपुर गांव, थाना सिंधौली, जनपद शाहजहांपुर के निवासी हैं; रमाकांत (32), जो पपड़ीपुरा, जनपद शाहजहांपुर के निवासी हैं; उर्मिला (20) और अजीत (15), जो शाहजहांपुर के निवासी हैं; नैंसी और नीतू, जो हरदोई के निवासी हैं; उमेश (60), जो खजानपुर के निवासी हैं; मंजूदेवी (45), जो गुदुराओ गांव के निवासी हैं; ललित (15) और आयुषी (2) का इलाज मेरठ के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

बुलंदशहर हादसे में मां-बेटे समेत तीन की मृत्यु से गांव में शोक का माहौल
बुलंदशहर में डीसीएम और ट्रक की टक्कर से हुए हादसे में सिंधौली के मियांपुर के मां-बेटे समेत तीन लोगों की मृत्यु की सूचना के बाद गांव में शोक का माहौल है। मृतकों के परिवार के कई सदस्य घायल हो गए हैं। मियांपुर गांव के निवासी रवि (18 वर्ष) अपनी मां माधुरी उर्फ नत्थी (40 वर्ष) सहित परिवार के आठ सदस्यों के साथ रक्षाबंधन के बाद ईंट-भट्ठे पर काम करने गए थे। उनके साथ पड़ोसी शिवदेवी (60 वर्ष) का परिवार भी था। इस हादसे में रवि और उसकी मां माधुरी की मृत्यु हो गई। रवि के पिता उमेश, 13 वर्षीय भाई अजीत, 12 वर्षीय मंजीत, आठ वर्षीय भूरे, कृष्णपाल और बहन विट्टा देवी घायल हो गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। रवि के दादा जयराम ने बताया कि रवि के पिता उमेश अपने समधी महेश के साथ काम करने गए थे। हादसे के बाद जयराम और कांति के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

सड़क सुरक्षा में लापरवाही: अव्यवस्थित ब्रेकर और दुर्घटनाओं का खतरा
जहांगीराबाद-बुलंदशहर मार्ग पर कई बड़े ब्रेकर बने हुए हैं। इन अव्यवस्थित ब्रेकरों पर उचित रूप से रेडियम की पट्टी न होने के कारण वाहन चालकों को भ्रम होता है और वे दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

सुबह के हादसे के बाद त्वरित एंबुलेंस सेवा से राहत
हादसा सुबह लगभग चार बजे हुआ। घटना के बाद, ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने सरकारी और अन्य अस्पतालों की एंबुलेंस बुला ली। जिला अस्पताल को भी फोन पर सूचित कर दिया गया था। सुबह पांच बजे से एंबुलेंस घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचने लगीं। लगभग दो से ढाई घंटे के भीतर सभी घायलों और मृतकों को जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया। सुबह टहलने निकले लोगों ने एंबुलेंस की आवाज सुनी, तो वे भी जिला अस्पताल पहुंच गए।

बुलंदशहर में भीषण सड़क हादसा: पांच की मौत, 29 घायल
बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के गांव रौंडा में शुक्रवार तड़के लगभग चार बजे एक कैंटर, जिसमें मजदूर सवार थे, आगे चल रहे ट्रक से टकरा गया। इस गंभीर दुर्घटना में कैंटर चालक सहित पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और 29 लोग घायल हो गए। मृतकों में तीन शाहजहांपुर और एक हरदोई के निवासी मजदूर और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। कैंटर चालक हरियाणा के सिरसा का निवासी था और वह 33 मजदूरों को लेकर हरदोई और शाहजहांपुर स्थित उनके गांव जा रहा था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में दुर्घटना का कारण चालक को नींद आना बताया गया है।

पंजाब से हरदोई और शाहजहांपुर लौटते मजदूरों का दर्दनाक हादसा
सूचना के अनुसार, पंजाब के मोड़ा भट्टी में ईंट भट्ठों पर कार्यरत लगभग 90 से 100 मजदूर तीन कैंटरों में सवार होकर हरदोई और शाहजहांपुर स्थित अपने-अपने गांव की ओर जा रहे थे। एक कैंटर का संचालन हरियाणा के जनपद सिरसा के गांव नटार के निवासी सुनील कुमार (32) कर रहे थे, जिसमें चालक समेत कुल 34 लोग सवार थे। दो अन्य कैंटर उनसे काफी आगे चल रहे थे। जब सुनील जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र में गांव रौंडा स्थित किसान इंटर कॉलेज के निकट पहुंचे, तो तेज गति के कारण कैंटर स्पीड ब्रेकर पर चढ़ते ही अनियंत्रित हो गया और आगे चल रहे एक ट्रक से टकरा गया।




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