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गाजीपुर में राशन का बड़ा घोटाला, मृतकों के नाम पर चल रहा था 'खेल', ई-केवाईसी से हुआ खुलासा

गाजीपुर में एक राशन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 13,294 मृत व्यक्तियों के नाम पर राशन प्राप्त किया जा रहा था। ई-केवाईसी जांच के दौरान शहरी क्षेत्र के 436 और ग्रामीण क्षेत्र के 12,858 मृतकों के नाम उजागर हुए हैं। इन सभी नामों को राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली से हटा दिया गया है।

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गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सरकारी राशन वितरण में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जांच के दौरान यह सामने आया कि कई मृत व्यक्तियों के नाम पर भी राशन प्राप्त किया जा रहा था। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा जब e-KYC (आधार से जुड़ी पहचान प्रक्रिया) की गई, तो यह पता चला कि कुल 13,294 मृत व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड की सूची में शामिल थे। इनमें से 436 नाम शहर के और 12,858 नाम गांव के लोगों के थे। विभाग ने अब इन सभी नामों को राशन कार्ड सिस्टम से हटा दिया है।


मुफ्त राशन योजना के लिए ई-केवाईसी की समय सीमा बढ़ी

कोविड-19 महामारी के बाद, देशभर में मुफ्त राशन योजना शुरू की गई थी, जिसके अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को सस्ते गल्ले की दुकानों से निःशुल्क राशन प्रदान किया जाता है। हालांकि, इस योजना का लाभ कई अयोग्य व्यक्ति भी उठा रहे थे। इस समस्या को रोकने के लिए, सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया था। इसकी अंतिम तिथि पहले 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई थी, लेकिन कई लाभार्थियों की ई-केवाईसी पूरी न होने के कारण अब इसे बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दिया गया है।


जिले में ई-केवाईसी से मृत व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड सूची से हटाए गए

जिले में ई-केवाईसी और राशन कार्ड प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करके उन व्यक्तियों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं जो अब जीवित नहीं हैं, या जिनके परिवार के किसी सदस्य का निधन हो चुका है। अब तक 13,294 मृत व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड सूची से हटाए जा चुके हैं, जिनमें से 12,858 ग्रामीण क्षेत्रों से और 436 शहरी क्षेत्रों से थे। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि राशन वितरण प्रक्रिया पारदर्शी हो और सरकारी अनाज का दुरुपयोग न हो सके।


गाजीपुर जिले में राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी की अनिवार्यता

गाजीपुर जिले में वर्तमान में कुल 6,35,446 राशन कार्ड धारक हैं, जिनके माध्यम से लगभग 27 लाख 86 हजार लोग सरकारी राशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इनमें 59,537 अंत्योदय कार्ड धारकों के 2,04,615 लाभार्थी और 5,75,909 पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों के 25 लाख 81,628 लाभार्थी शामिल हैं। सरकार ने सभी लाभार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए ई-केवाईसी (आधार से जुड़ी पहचान प्रक्रिया) अनिवार्य कर दी है। हालांकि, अब तक केवल 82% लोगों की ई-केवाईसी हो पाई है। शेष लोग यह प्रक्रिया 30 जून 2025 तक पूरी कर सकते हैं।


राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-केवाईसी की अनिवार्यता

जिला पूर्ति अधिकारी ने सभी राशन कार्ड धारकों से अनुरोध किया है कि वे 30 जून 2025 से पहले अपनी और अपने परिवार की ई-केवाईसी अवश्य पूर्ण कर लें। यदि किसी परिवार सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, तो कृपया उसकी जानकारी विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि उसका नाम लाभार्थी सूची से हटाया जा सके। इस प्रक्रिया से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी और वास्तव में जरूरतमंद लोगों को उनका अधिकार प्राप्त होगा। यह स्थिति दर्शाती है कि पूर्व में राशन वितरण में कितनी गड़बड़ियां थीं और अब ई-केवाईसी जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से सुधार हो रहा है।

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