झकझोर देगा हरियाणा का यह हत्याकांड, 14 साल के बच्चे ने खूनी खेल खेलकर लिया बदला; क्लासमेट पर दाग दीं गोलियां
- Deepak Singh Sisodia
- May 30
- 3 min read
हिसार में एक 14 वर्षीय किशोर ने अपने दोस्त की गोली मारकर हत्या कर दी। पुरानी रंजिश के कारण किशोर ने अपने दादा की लाइसेंसी बंदूक का उपयोग करके इस घटना को अंजाम दिया। दीक्षित को दूध लेने जाते समय रेलवे स्टेशन के पास गोली मारी गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

हिसार: एक वर्ष पूर्व, दो मित्रों के बीच स्कूल में डेस्क पर बैठने को लेकर विवाद हुआ। उसी समय, एक मित्र ने दूसरे को सबक सिखाने का निर्णय लिया। किशोर का इरादा तब और मजबूत हो गया जब दीक्षित के माता-पिता उसके घर शिकायत लेकर आए। उसने मन ही मन प्रतिशोध लेने का संकल्प किया।
किशोर की बंदूक लेकर गांव पहुंचने की घटना
गुरुवार सुबह पांच बजे, हांसी निवासी 14 वर्षीय किशोर अपने दादा की लाइसेंसी डोगा बंदूक लेकर बाइक पर गांव सातरोड खुर्द पहुंचा। उसके दादा सेना से सेवानिवृत्त हैं।
हांसी से निकलने से पहले, उसने मस्तनाथ कॉलोनी में रहने वाले अपने दोस्त दीक्षित के घर पर कई बार फोन किया। कई बार कॉल के बाद, दीक्षित की मां ने फोन किया और पता चला कि कॉल करने वाला दीक्षित का दोस्त है। इसके बाद दीक्षित के परिवार ने उससे मिलने से मना कर दिया।
घात लगाकर बैठे सहपाठी ने दीक्षित को फंसाया
सुबह फोन पर आने से मना करने के बाद, वारदात को अंजाम देने वाला सहपाठी घात लगाकर बैठा था। उसे विश्वास था कि दीक्षित घर से बाहर आएगा। जब दीक्षित दूध लेने के लिए एक्टिवा पर घर से निकला, तो पहले से घात लगाए हुए किशोर ने उसे देख लिया और उसका पीछा करना शुरू कर दिया।
दूध लेने के बाद, जब दीक्षित ने घर पर फोन किया और बताया कि वह वापस आ रहा है, तब किशोर ने उससे बातचीत की और उसे सातरोड खुर्द के रेलवे स्टेशन की ओर झाड़ियों में कच्चे रास्ते पर ले गया। जब दीक्षित ने कच्चे रास्ते पर अपनी एक्टिवा रोकी, तो किशोर ने भी अपनी बाइक वहीं रोक दी।
किशोर की बंदूक से दीक्षित पर हमला
इसके बाद, वह अपने दादा की लाइसेंसी बंदूक लेकर दीक्षित की ओर बढ़ा। बंदूक देखकर दीक्षित कच्चे रास्ते पर दौड़ने लगा। किशोर भी उसके पीछे दौड़ा और उसने गोलियाँ चला दीं। कमर में दो गोली लगने से दीक्षित जमीन पर गिर गया। इसके बाद, किशोर मौके से फरार हो गया।
कॉलोनी में चींटियों को आटा डालते समय महिला को मिला लहूलुहान किशोर
घटना लगभग सवा सात बजे के बाद की है। स्टेशन के सामने स्थित कॉलोनी में रहने वाली एक महिला चींटियों को आटा डालने के लिए कच्चे रास्ते की ओर गई। उसी समय, महिला ने फोन की घंटी सुनी। जब वह मौके पर पहुंची, तो उसने देखा कि एक किशोर जमीन पर लहूलुहान स्थिति में पड़ा हुआ है और उसकी जेब में रखा फोन बज रहा है। महिला ने फोन उठाया और बातचीत की।
दीक्षित की गोली लगने से मृत्यु की दुखद घटना
महिला ने दीक्षित के पिता प्रकाश को सूचित किया कि उनके बेटे को गोली लगी है और वह गंभीर स्थिति में है। इस जानकारी के बाद, दीक्षित की मां और पिता तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और अपने बेटे को अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक दीक्षित का निधन हो चुका था।
घटनास्थल पर पुलिस की जांच और संदिग्ध की पृष्ठभूमि
सूचना प्राप्त होने पर राजकीय रेलवे पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस को वहां दीक्षित की एक्टिवा और चप्पल मिली हैं। पुलिस ने आसपास के लोगों से भी पूछताछ की है। साथ ही, पुलिस मुख्य सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच कर रही है।
गोली चलाने वाले किशोर के दादा सेना से सेवानिवृत्त हैं और वर्तमान में एक बैंक में गार्ड के रूप में कार्यरत हैं। उनके पास एक लाइसेंसी डोगा बंदूक है, जिसे वे रात के समय अपने पास रखकर सोते हैं।
सेवानिवृत्त नायक के पुत्र की दुखद घटना
सुबह एक किशोर ने बंदूक उठा ली और घटना को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने वाला भी अकेला है। वहीं, मृतक दीक्षित के पिता प्रकाश सेना में नायक के पद से सेवानिवृत्त हैं।
2013 में उनकी तैनाती हिसार कैंट में थी। वे 2024 में सिक्किम से नायक के पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में उन्होंने अपने घर पर निर्माण कार्य शुरू किया है और मिस्त्रियों के लिए चाय बनाने हेतु दूध लेने के लिए भेजा था।




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