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प्रतापगढ़ के ‘बंटी-बबली’ आजमगढ़ में धराए, नौकरी के नाम पर कई को लगाया था चूना

प्रतापगढ़ के महेंद्र श्रीवास्तव और उनकी पत्नी रुचि श्रीवास्तव को नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में आजमगढ़ में गिरफ्तार किया गया है। महेंद्र रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। रुचि नवग्रह ट्रस्ट के माध्यम से पूजा के नाम पर धन एकत्र करती थी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

नौकरी के नाम पर कई को लगाया था ‘बंटी-बबली’ ने चूना
नौकरी के नाम पर कई को लगाया था ‘बंटी-बबली’ ने चूना

प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ के एक दंपति, जो नौकरी के नाम पर कई लोगों को ठगने के आरोप में आजमगढ़ में पकड़े गए हैं, उनकी गतिविधियाँ अब चर्चा का विषय बन गई हैं। कई अन्य लोग भी पुलिस के पास यह दावा करते हुए पहुंच रहे हैं कि उन्हें भी नौकरी और ग्रह दोष निवारण के नाम पर इस दंपति ने ठगा था।


सहोदरपुर में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: महेंद्र श्रीवास्तव और परिवार गिरफ्तार

सहोदरपुर के निवासी महेंद्र श्रीवास्तव और उनकी पत्नी रुचि की गिरफ्तारी की खबर सोमवार को जब उनके शहर और मुहल्ले में पहुंची, तो वहां हड़कंप मच गया। जानकारी मिली कि महेंद्र ने रेलवे में अपनी अच्छी पकड़ होने का दावा करते हुए नौकरी दिलाने की योजना चलाई थी। 


लोगों का विश्वास जीतने के लिए वह इंटरव्यू कार्ड, एडमिट कार्ड और डीआरएम मुरादाबाद के नाम से नियुक्ति पत्र भी भेजता था। इस फर्जीवाड़े में उसका पूरा परिवार शामिल पाया गया है। 


महेंद्र और रुचि श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी का आरोप: नवग्रह ट्रस्ट के माध्यम से धन एकत्रण

महेंद्र की पत्नी, रुचि श्रीवास्तव, नवग्रह ट्रस्ट नामक एक संस्था का संचालन करती हैं, जिसमें नौ ग्रहों का मंदिर बनाकर ऑनलाइन नवग्रह शांति पूजा के नाम पर धन एकत्र किया जाता था। यह मंदिर प्रतापगढ़ में उनके घर के निकट स्थित है। 


सेठवल आजमगढ़ के निवासी आकाश ने सबसे पहले 29 दिसंबर 2023 को महेंद्र और उनकी पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 12 लाख रुपये लिए गए और उन्हें एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया। पैसे वापस मांगने पर उन्हें धमकाया गया। 


रैकेट का खुलासा: कई जिलों में ठगी और जांच की प्रक्रिया

शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की गई और धीरे-धीरे इस रैकेट का खुलासा हुआ। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और इस गिरोह से जुड़े अन्य व्यक्तियों की तलाश जारी है। इस रैकेट ने उरई, इटावा, लखनऊ, आजमगढ़, कासगंज सहित कई जिलों के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। 


कई व्यक्तियों को राशि वापसी के नाम पर चेक दिए गए हैं, लेकिन उनके खातों में धनराशि नहीं है। पुलिस के अनुसार, जब कोई पीड़ित अपने धन की मांग को लेकर उसके पास जाता, तो वह उसके खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज करवा देता था। 


एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि इस प्रकरण की जांच आजमगढ़ पुलिस कर रही है। यहां भी यदि पीड़ित आते हैं, तो जांच और कार्रवाई की जाएगी।

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