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49 जिलों में जन्म से अधिक मौतें... क्या भारत की घटने वाली है आबादी? राज्यों के हिसाब से देखें

भारत के नागरिक पंजीकरण डेटा 2021 के अनुसार, देश के 49 जिलों में जन्म दर की तुलना में मृत्यु दर अधिक दर्ज की गई है, जिनमें से अधिकांश जिले दक्षिणी राज्यों में स्थित हैं। तमिलनाडु में सबसे अधिक 17 जिले शामिल हैं, जबकि 2019 में यह संख्या शून्य थी।

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नई दिल्ली: देश के 49 जिलों में मृत्यु दर जन्म दर से अधिक है। भारत के नागरिक पंजीकरण डेटा 2021 ने एक अप्रत्याशित और महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय प्रवृत्ति का खुलासा किया है। यह स्थिति भारत में असामान्य है, जहां आमतौर पर उच्च जन्म दर के कारण जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होती रही है। इस प्रवृत्ति का अधिकतर प्रभाव दक्षिणी भारत के राज्यों पर देखा गया है, विशेष रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में।


दक्षिणी राज्यों में बढ़ती मृत्यु दर: एक चिंताजनक प्रवृत्ति

डेटा से यह स्पष्ट होता है कि यह स्थिति पूरे देश में समान नहीं है। विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों के कई जिलों में यह प्रवृत्ति देखी गई है। 2019 से 2021 के बीच, इन क्षेत्रों में उन जिलों की संख्या में वृद्धि हुई है जहां मृत्यु की संख्या जन्म से अधिक है। अर्थात्, इन जिलों में मृत्यु दर जन्म दर से अधिक है। 2019 में, पूरे देश में ऐसे जिलों की संख्या केवल 7 थी जहां जन्म दर मृत्यु दर से कम थी। वहीं, 2021 में ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है, जहां मृत्यु दर अधिक है।

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तमिलनाडु के जिलों में जनसंख्या वृद्धि का बढ़ता रुझान

तमिलनाडु राज्य के 49 जिलों में सबसे अधिक संख्या है। 2019 में, तमिलनाडु में ऐसे जिलों की संख्या शून्य थी, लेकिन 2021 में यह संख्या बढ़कर 17 हो गई। तमिलनाडु में कुल 37 जिले हैं, और इस दृष्टिकोण से यह आंकड़ा 50 प्रतिशत के करीब पहुंचता दिखाई दे रहा है। यह डेटा भारत की जनसांख्यिकी में संभावित परिवर्तन की ओर संकेत करता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि जारी है। उत्तर प्रदेश के 75 और मध्य प्रदेश के सभी 51 जिलों में जन्म दर मृत्यु दर की तुलना में काफी अधिक है।

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दक्षिण भारत में जनसांख्यिकी परिवर्तन: बुजुर्ग आबादी में वृद्धि और प्रजनन दर में कमी

बढ़ती हुई बुजुर्ग आबादी: दक्षिण भारत के कई राज्यों में जन्म दर राष्ट्रीय औसत से कम है और जीवन प्रत्याशा अधिक है, जिसके परिणामस्वरूप बुजुर्गों की आबादी में वृद्धि हो रही है। इससे मृत्यु दर में वृद्धि की संभावना हो सकती है।


प्रजनन दर में कमी: शिक्षा और जागरूकता में वृद्धि के कारण कई क्षेत्रों में प्रजनन दर में कमी देखी गई है।


महामारी का प्रभाव: 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने देश पर गंभीर प्रभाव डाला। कोरोना के कारण कई लोगों की मृत्यु हुई। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह प्रवृत्ति महामारी के बाद भी जारी रहती है या नहीं।

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