चिदंबरम जो कानून लाए वही उनके गले की फांस बना, शरद पवार बोले- मैंने मनमोहन सिंह को आगाह किया था
- Deepak Singh Sisodia
- May 18
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख, शरद पवार ने बताया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीएमएलए कानून के संभावित गलत उपयोग के प्रति सचेत किया था। पवार ने चिदंबरम द्वारा किए गए संशोधनों पर अपनी आपत्ति व्यक्त की थी, क्योंकि उनका मानना था कि इस कानून का दुरुपयोग हो सकता है।

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने बताया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को PMLA कानून के दुरुपयोग की संभावना के बारे में सचेत किया था। यह टिप्पणी उन्होंने उस समय की जब पी. चिदंबरम ने इस कानून में संशोधन किया था। शरद पवार ने शनिवार को कहा कि उन्होंने मनमोहन सिंह को आगाह किया था कि चिदंबरम द्वारा किए गए संशोधनों से इस कानून का दुरुपयोग हो सकता है, लेकिन उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आज चिदंबरम स्वयं इस संशोधन का शिकार बन गए हैं।
पीएमएलए: मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम के लिए भारत का आपराधिक कानून
पीएमएलए, या मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002, भारत में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और इससे अर्जित संपत्ति को जब्त करने के उद्देश्य से स्थापित एक आपराधिक कानून है। इस अधिनियम के कार्यान्वयन, जांच, संपत्ति की कुर्की और अपराधियों पर मुकदमा चलाने की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर है। पीएमएलए मनी लॉन्ड्रिंग के तीन चरणों: प्लेसमेंट, लेयरिंग और इंटीग्रेशन से निपटने के लिए बनाया गया है।
पवार की PMLA संशोधन पर चिंताएं और संभावित दुरुपयोग की आशंका
पवार ने कहा, "मैं उस समय केंद्र सरकार में था। जब चिदंबरम ने PMLA में संशोधन किया, तो मैंने इसका विरोध किया था। मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सूचित किया था कि इस कानून का दुरुपयोग हो सकता है। हालांकि, मेरी बात को स्वीकार नहीं किया गया।" उन्होंने आगे कहा कि उन्हें आशंका थी कि इस कानून का उपयोग विपक्षी दलों के खिलाफ किया जा सकता है।
शरद पवार ने संजय राउत की जेल अनुभवों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया
शरद पवार ने शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत की पुस्तक 'नर्कातला स्वर्ग (Heaven in Hell)' के विमोचन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। यह पुस्तक संजय राउत द्वारा आर्थर रोड जेल में बिताए गए तीन महीनों के अनुभवों का वर्णन करती है। राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत प्राप्त हो गई थी।

ईडी कानून में संशोधन की आवश्यकता पर पवार का जोर
पवार ने कहा, "मेरे विचार में, राज्य और केंद्र में सत्ता परिवर्तन के पश्चात सबसे प्राथमिक कार्य ED द्वारा उपयोग किए जा रहे इस कानून में संशोधन करना होना चाहिए। यह कानून व्यक्तियों और राजनीतिक दलों के मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है।" उन्होंने कहा कि ED इस कानून का उपयोग कर लोगों को परेशान कर रही है, इसलिए इसमें परिवर्तन अत्यंत आवश्यक है।
शरद पवार ने यह भी कहा कि जब राज्य और केंद्र में सरकार बदलेगी, तब इस कानून में संशोधन किया जाएगा, ताकि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान न किया जाए। पवार जी का यह बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने स्वयं इस कानून के दुरुपयोग की आशंका व्यक्त की थी।




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