दुनिया के ताकतवर देशों का भी छूटेगा पसीना! AMCA को मंजूरी के पीछे की इनसाइड स्टोरी जानिए
- Deepak Singh Sisodia
- May 28
- 3 min read
भारत में सबसे बड़े सैन्य अनुसंधान कार्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है, जिसके अंतर्गत अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट 'एडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA)' का निर्माण किया जाएगा।

नई दिल्ली: भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से न केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत में निर्मित हथियारों की शक्ति का भी प्रदर्शन किया। भारत अपने रक्षा क्षेत्र को निरंतर सशक्त बना रहा है। इसी दिशा में, भारत का सबसे बड़ा सैन्य अनुसंधान और विकास कार्यक्रम शीघ्र ही आरंभ होने वाला है।
रक्षा मंत्रालय का AMCA कार्यक्रम: घरेलू कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा से आत्मनिर्भरता की ओर कदम
रक्षा मंत्रालय ने अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट विकसित करने के लिए घरेलू निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम को एडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कहा जाता है। इसके अंतर्गत पांचवीं पीढ़ी का एक नया लड़ाकू जेट तैयार किया जाएगा। AMCA कार्यक्रम भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भारतीय वायुसेना की शक्ति में वृद्धि होगी और देश में रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा।
2030 तक भारत का प्रमुख हवाई हथियार: नई रक्षा योजना
यह जेट 2030 के मध्य से भारत का प्रमुख हवाई हथियार होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए एक नई योजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के अंतर्गत निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां सरकार के स्वामित्व वाली वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) के साथ सहयोग करेंगी। ADA इस लड़ाकू जेट का डिजाइन तैयार कर रही है। इस कार्यक्रम में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और अडानी डिफेंस जैसी कंपनियां शामिल होंगी। भारत की प्रमुख रक्षा कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) भी बोली लगाने के लिए पात्र हो सकती है।
AMCA जेट निर्माण के लिए निजी और सरकारी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा
रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि AMCA जेट के निर्माण के लिए निजी और सरकारी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। जो कंपनी इस प्रतिस्पर्धा में विजयी होगी, उसे ही जेट निर्माण का कार्य सौंपा जाएगा। प्रारंभिक चरण में इस परियोजना पर 15,000 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है। हालांकि, जेट का प्रोटोटाइप तैयार होने और इसके उपयोग की अनुमति मिलने के बाद, इस पर लाखों करोड़ रुपये का व्यय संभावित है।
AMCA जेट निर्माण के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रण
इस योजना के तहत, भारतीय कंपनियों को स्वतंत्र रूप से या साझेदारी में बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। विजेता कंपनी AMCA जेट के प्रोटोटाइप का निर्माण करेगी। इसके बाद जेट का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा। प्रारंभिक बैच में 120 लड़ाकू जेट के निर्माण का ऑर्डर दिया जाएगा, जिनकी डिलीवरी 2035 तक शुरू होने की संभावना है। भविष्य में और भी उन्नत जेट का निर्माण किया जाएगा, जिससे इनकी संख्या में वृद्धि हो सकती है।
अत्याधुनिक तकनीकों से लैस नए जेट विमानों की निर्माण योजना
इन नए जेट विमानों में अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश होगा। जैसे कि वे रडार को चकमा देने में सक्षम होंगे, उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सुविधा होगी, वे लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता रखेंगे और बिना पायलट वाले विमानों के साथ भी समन्वय कर सकेंगे। योजना के अनुसार, चार से पांच प्रोटोटाइप विमान निर्मित किए जाएंगे, जिनका परीक्षण किया जाएगा। इसके पश्चात ही जेट का बड़े पैमाने पर उत्पादन आरंभ किया जाएगा। इन जेट विमानों का ऑर्डर लाखों करोड़ रुपये का होने की संभावना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'सरकार ने एक नई योजना को स्वीकृति दी है, जिसमें प्राइवेट और सरकारी कंपनियां मिलकर लड़ाकू जेट का निर्माण करेंगी।' इस योजना के संबंध में एक अधिकारी ने कहा, 'यह योजना प्राइवेट और सरकारी दोनों कंपनियों को समान अवसर प्रदान करती है।'




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