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भारत-पाकिस्तान समाचार लाइव अपडेट: डिफेंस मिनिस्‍टर राजनाथ सिंह से पहले जम्‍मू पहुंचे BSF के DG, बड़े प्‍लान की तैयारी तो नहीं?

भारत-पाकिस्तान समाचार लाइव: पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले कर उन्हें समाप्त कर दिया। इसके साथ ही, पड़ोसी देश के 11 एयरबेस पर भी हमला कर उन्हें व्यापक नुकसान पहुंचाया गया।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब सुरक्षाबलों ने घाटी में आतंकवादियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया.
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब सुरक्षाबलों ने घाटी में आतंकवादियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया.

भारत-पाकिस्तान समाचार लाइव अपडेट: पहलगाम में निर्दोष हिंदू पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गंभीर रूप से बढ़ गया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को ऐसा सबक सिखाया है जिसे वे लंबे समय तक याद रखेंगे। भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों पर हवाई हमले कर उन्हें नष्ट कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर भी हमले किए गए हैं। अब, पाकिस्तान सरकार इन आतंकी अड्डों को पुनः स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की तैयारी कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू के दौरे पर जा रहे हैं, जहां वे जवानों से मुलाकात करेंगे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।


ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई

पहलगाम आतंकी घटना के बाद 7 मई भारत के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में सामने आई। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया कि अब आतंकवादी हमलों पर भारत मौन नहीं रहेगा। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के केवल दो सप्ताह बाद की गई थी। भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया। इनमें सवाई नाला (मुझफ्फराबाद), सय्यदना बिलाल कैंप (मुझफ्फराबाद), गुलपुर कैंप (कोटली), बरनाला कैंप (भीमबर), अब्बास कैंप (कोटली), सरजल कैंप (सियालकोट), महमूना जोया कैंप (सियालकोट), मरकज़ तैय्यबा (मुरीदके) और मरकज़ सुब्हानअल्लाह (बहावलपुर) शामिल थे।


'ऑपरेशन सिंदूर': भारतीय सैन्य नीति में रणनीतिक परिवर्तन और स्पष्ट जीत

'ऑपरेशन सिंदूर' को इस प्रकार अंजाम दिया गया कि केवल आतंकवादी ठिकानों को ही लक्षित किया जाए, जिससे व्यापक युद्ध की स्थिति से बचा जा सके। रणनीतिक दृष्टिकोण से यह भारत की सैन्य नीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन था। इसका दायरा सीमित था, लेकिन यह एक प्रभावी जवाब था। प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई सैन्य इतिहासकार टॉम कूपर ने भारतीय वायुसेना की इस रणनीति को 'स्पष्ट जीत' के रूप में वर्णित किया है। उनके अनुसार, 'पाकिस्तान की बौखलाहट इस बात का प्रमाण है कि भारत की योजना कितनी प्रभावी थी।' उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान की 'परमाणु धमकी' की रणनीति विफल रही, क्योंकि भारत ने भयभीत होने के बजाय जवाबी कार्रवाई करते हुए अपनी स्थिति को और मजबूत किया और अंततः पाकिस्तान को भारी नुकसान के बाद संघर्ष विराम के लिए मजबूर होना पड़ा।


भारत में 'बायकॉट तुर्की' का बढ़ता प्रभाव और व्यापारिक प्रतिक्रिया

जब अधिकांश विश्व ने भारत के इस कदम का समर्थन किया, कुछ देश ऐसे भी थे जो पाकिस्तान के साथ खड़े दिखाई दिए। उनमें से एक तुर्की है, जिसके कारण अब भारत में 'बायकॉट तुर्की' का नारा जोर पकड़ रहा है। तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के प्रति अप्रत्यक्ष रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। इसका प्रभाव भारत में तुरंत देखा गया। कई ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने तुर्की के लिए उड़ान और होटल बुकिंग पर रोक लगा दी, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं रहा। भारतीय व्यापारियों ने भी तुर्की से आयातित सेबों का बहिष्कार शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप तुर्की के सेब अब बाजार से लगभग गायब हो चुके हैं।

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