क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि पड़ोसी देश... ओवैसी ने याद दिलाई पाकिस्तान की मेहमाननवाजी
- Deepak Singh Sisodia
- May 29
- 2 min read
असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ वार्ता पर प्रश्न उठाए। रियाद में उन्होंने पठानकोट हमले का उल्लेख किया। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री बिना निमंत्रण के पाकिस्तान गए थे, जिसकी उन्होंने आलोचना की थी।

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में सही जानकारी प्रदान करने के लिए विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधिमंडल भेजा गया है। ऐसे ही एक समूह में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।
भारत-पाकिस्तान वार्ता पर ओवैसी की आलोचना और पठानकोट हमले का संदर्भ
हाल ही में, भारत का प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब के रियाद शहर पहुंचा, जहां एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के संबंध में प्रश्न उठाए। उन्होंने पठानकोट हमले का संदर्भ देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बिना निमंत्रण के पाकिस्तान गए थे। ओवैसी ने बताया कि उन्होंने इस दौरे की आलोचना की थी।
पाकिस्तान के साथ संवाद पर ओवैसी का सवाल
ओवैसी ने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए आखिर किससे संवाद किया जाए। पहले भी जांच के लिए पाकिस्तानी टीम को आमंत्रित किया गया था, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री बिना आमंत्रण के पाकिस्तान गए थे, और उस समय भी मैंने उनकी यात्रा की आलोचना की थी।
प्रधानमंत्री की पाकिस्तान यात्रा पर विपक्ष की आलोचना
कई विपक्षी दलों ने आलोचना की थी कि प्रधानमंत्री बिना निमंत्रण के अफगानिस्तान से नवाज शरीफ के घर क्यों गए। हमारे एयर बेस पर हमला हुआ, जिसमें हमने कई कर्मियों को खो दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को सबूत चाहिए। आप (पाकिस्तान) अपनी टीम भेज सकते हैं।
ओवैसी का सवाल: पाकिस्तान से संवाद का सही तरीका क्या है?
ओवैसी ने प्रश्न उठाया कि क्या आप यह कल्पना कर सकते हैं कि कोई देश अपने पड़ोसी देश की जासूसी एजेंसी को आमंत्रित कर रहा है? उन्हें आमंत्रित किया गया, सभी रिकॉर्ड प्रदान किए गए, फिर भी कुछ नहीं हुआ। अगर प्रश्न यह है कि हम पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं करते, तो हमें पाकिस्तान में किससे संवाद करना चाहिए?
ओवैसी का सवाल: पाकिस्तान से बातचीत का औचित्य क्या?
ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना निमंत्रण के पाकिस्तान गए थे। उन्होंने इस दौरे की आलोचना की थी। पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जांच में सहयोग की अपील की थी। यहां तक कि पाकिस्तानी जांच टीम को भारत आमंत्रित किया गया, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। ओवैसी ने प्रश्न उठाया कि ऐसी स्थिति में पाकिस्तान से बातचीत करने का क्या औचित्य है?





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