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पाकिस्तान की 2 शाहीन मिसाइलें, F-16 समेत 8 फाइटर जेट तबाह...फिर मुनीर को क्यों दी तरक्की, भारत से डर है वजह?

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। हालांकि, इस नुकसान को छुपाने के लिए उन्होंने अपने सेना प्रमुख असीम मुनीर को पदोन्नति दे दी है। आइए, इस इनसाइड स्टोरी को समझते हैं।

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नई दिल्ली: भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान की वायुसेना को गंभीर क्षति पहुंची है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की शाहीन मिसाइलें, तुर्की से प्राप्त शक्तिशाली ड्रोन, एफ-16 सहित आठ फाइटर जेट और अवॉक्स नष्ट हो गए हैं। इस घटना से पाकिस्तान को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ है। इसके बावजूद, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को पदोन्नत कर फील्ड मार्शल बना दिया गया है। यह माना जा रहा है कि भारत से मिली करारी हार और बड़े नुकसान के बावजूद, उनके पद को जानबूझकर ऊंचा किया गया है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित किया जा सके। पाकिस्तान ने भी भारत के कई जेट को नुकसान पहुंचाने का दावा किया है, लेकिन वह इसके समर्थन में कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका। आइए जानते हैं कि पाकिस्तानी वायुसेना को कितना नुकसान हुआ है और यह समझते हैं कि इतने नुकसान के बाद भी मुनीर को फील्ड मार्शल क्यों बनाया गया?


भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान की वायुसेना को भारी क्षति

थिंक टैंक च्रक डॉयलॉग्स फाउंडेशन (CDF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के कारण पाकिस्तान की वायुसेना को महत्वपूर्ण सामरिक और आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीकानेर में एक सभा के दौरान कहा था कि भारत के हमले के बाद पाकिस्तान का रहीम यार खान एयरबेस गंभीर स्थिति में है और यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब पुनः संचालित होगा।


पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की शक्ति वृद्धि और विपक्ष का विरोध

वास्तव में, ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान के सेना प्रमुख विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। इमरान खान सहित कई नेता उनकी इस उन्नति का उपहास कर रहे हैं। हालांकि, असीम मुनीर को यह ज्ञात है कि भारतीय सेना ने उनके कई ठिकानों को नष्ट कर दिया है, फिर भी वे अपनी शक्ति जानबूझकर बढ़ा रहे हैं ताकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हार के कारण उनके खिलाफ कोर्ट मार्शल न हो सके। पाकिस्तान के इतिहास पर नजर डालें तो सैन्य तानाशाहों की एक लंबी सूची है। इससे पहले भी वे अपना कार्यकाल बढ़वा चुके हैं। ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुनीर की शक्ति को बढ़ा दिया था। उन्हें आशंका है कि कहीं उनका भी हाल परवेज मुशर्रफ जैसा न हो जाए।


भारत का आरोप: असीम मुनीर पर पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी

भारत असीम मुनीर को पहलगाम आतंकी हमले के लिए उत्तरदायी मानता है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस हमले के पीड़ितों की धार्मिक पहचान और मुनीर के 16 अप्रैल के भाषण के बीच संबंध का उल्लेख किया था। उस भाषण में मुनीर ने दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा था कि हिंदू और मुसलमान अलग हैं और कभी एक नहीं हो सकते। इसी कट्टरपंथी दृष्टिकोण के कारण मुनीर को 'जिहादी जनरल' कहा जाता है। मुनीर को इस बात की आशंका है कि भारत अब पाकिस्तान की गतिविधियों को सहन नहीं करेगा। इस स्थिति में, सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मुनीर ने स्वयं का प्रमोशन करवा लिया।


ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तानी वायुसेना को भारी वित्तीय झटका

रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी वायुसेना को लगभग 4,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह पाकिस्तानी वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण झटका माना जा रहा है। आईएमएफ से ऋण लेने वाले पाकिस्तान की स्थिति अब और भी गंभीर हो जाएगी, क्योंकि वह पूरी तरह से ऋण के जाल में फंसा हुआ है। पाकिस्तान पर कुल सार्वजनिक ऋण 256 बिलियन डॉलर है, जो लगभग 21.6 लाख करोड़ रुपये के बराबर है। इसमें चीन, सऊदी अरब और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लिया गया ऋण भी शामिल है।


विमान क्षति में पाकिस्तान को 385 मिलियन डॉलर का भारी नुकसान

रिपोर्ट के अनुसार, एफ-16 ब्लॉक 52 के चार लड़ाकू विमान नष्ट हो गए, जिससे कुल लगभग 350 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। इसके अतिरिक्त, पाक वायुसेना का एक साब 2000 एरीये AEW&C भी नष्ट हुआ, जिसकी अनुमानित कीमत 35 मिलियन डॉलर है।


भारत के हमले से पाकिस्तान को 46.2 मिलियन डॉलर का नुकसान: शाहीन मिसाइलें और IL-78 टैंकर नष्ट

भारत के हमले से पाकिस्तान को महत्वपूर्ण क्षति हुई है, जिसमें उसकी अत्यधिक शक्तिशाली मानी जाने वाली शाहीन श्रेणी की दो मिसाइलें नष्ट हो गईं। इस घटना से पाकिस्तान को 8 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त, IL-78 रिफ्यूलिंग टैंकर भी नष्ट हो गया है, जिसकी कीमत 35 मिलियन डॉलर बताई जा रही है। साथ ही, CM-400AKG मिसाइल भी तबाह हो गया है, जिसकी अनुमानित कीमत 3.2 मिलियन डॉलर है।


भारत के हमलों में तुर्की के महंगे ड्रोन और पाकिस्तानी विमान नष्ट

रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि तुर्की के 6 बायराक्तर टीबी2यूसीएवी शक्तिशाली ड्रोन भी भारत के हमलों में नष्ट हो गए हैं। एक ड्रोन की कीमत 6 मिलियन डॉलर है, जिससे 6 ड्रोन की कुल कीमत 36 मिलियन डॉलर होती है। इसके अतिरिक्त, गोलीबारी में पाकिस्तानी वायुसेना के 4 लड़ाकू विमान भी नष्ट हो गए।


भारतीय मिसाइल प्रणाली द्वारा पाकिस्तान के F-16 विमानों का सफलतापूर्वक नष्टिकरण और सरगोधा एयरबेस पर प्रभाव

भारतीय सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली द्वारा पाकिस्तान वायुसेना के दो F-16 सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों को सफलतापूर्वक मार गिराए जाने के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को गंभीर क्षति का सामना करना पड़ा। इस घटना से पाकिस्तान का सरगोधा एयरबेस प्रभावित हुआ, जिसकी मरम्मत के लिए कम से कम 100 मिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी। यह F-16 विमान पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस से उड़ान भरा था, जो पाकिस्तानी वायु सेना का एक महत्वपूर्ण एयर फोर्स स्टेशन है।


भारतीय सेना की कार्रवाई से पाकिस्तान को 29 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान पर व्यापक हमले के परिणामस्वरूप पाकिस्तान को लगभग 29 हजार करोड़ रुपए (3.4 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। यह आर्थिक नुकसान ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट, कर्ज और IMF की शर्तों का सामना कर रहा है।


वायु सुरक्षा में AWACS की महत्वपूर्ण भूमिका और लागत विश्लेषण

AWACS, या एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, किसी भी देश की वायु सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विमान 400 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी तक दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। पाकिस्तान के पास ऐसे 9 सिस्टम हैं, जिनमें स्वीडन से प्राप्त Saab-2000 Erieye और चीन से प्राप्त ZDK-03 Karakoram Eagle शामिल हैं। चीन का सिस्टम पहले ही सेवानिवृत्त हो चुका है, इसलिए यह संभावना है कि इस कार्रवाई में गिराया गया विमान Saab-2000 Erieye था। इस विमान की कीमत 100–150 मिलियन डॉलर (830–1245 करोड़ रुपए) के बीच होती है। हालांकि, जब इसमें रडार सिस्टम, कंट्रोल यूनिट, लॉजिस्टिक और प्रशिक्षण शामिल किए जाते हैं, तो इसकी लागत 200 मिलियन डॉलर (1660 करोड़ रुपए) तक पहुंच जाती है।

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