बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को पाकिस्तान ने छोड़ा, अटारी बॉर्डर से आए भारत
- Deepak Singh Sisodia
- May 14
- 2 min read
पूर्णम कुमार शॉ : पश्चिम बंगाल के निवासी पूर्णम कुमार अंततः भारत लौट आए हैं। पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में लिया था। पूर्णम गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान के क्षेत्र में चले गए थे। इस बीच, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के कारण उनकी वापसी को लेकर चिंता बढ़ गई थी।

कोलकाता : पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए गए बीएसएफ कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू अब रिहा हो चुके हैं। उन्हें अटारी बॉर्डर के माध्यम से भारत वापस भेज दिया गया है। लगभग 20 दिन पहले, पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साहू को पकड़ लिया था। 23 अप्रैल को पहलगाम हमले के एक दिन बाद, पूर्णम गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे, जिसके बाद से वे लापता थे। उनकी गर्भवती पत्नी उनके वापस लौटने के लिए लगातार प्रयासरत थीं।
बीएसएफ कांस्टेबल पूरन कुमार शॉ की पाकिस्तान से सुरक्षित वापसी
बंगाल के निवासी बीएसएफ कांस्टेबल पूरन कुमार शॉ बुधवार को भारत वापस लौट आए। उन्हें 23 अप्रैल से पाकिस्तान में हिरासत में रखा गया था। वह वाघा-अटारी सीमा से भारत पहुंचे। पूरन कुमार शॉ को उस समय पकड़ा गया था जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। यह तनाव जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए एक हमले के बाद और बढ़ गया था।
पाकिस्तान में हिरासत के बाद भारतीय सैनिक की पत्नी की संघर्षपूर्ण यात्रा
पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात 40 वर्षीय साहू 23 अप्रैल को अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर साहू की पत्नी रजनी चिंतित हो गईं। वह पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा क्षेत्र से वाघा-अटारी बॉर्डर पहुंचीं और अपने पति की सुरक्षित वापसी की मांग पर अड़ी रहीं।
पूर्णम की सुरक्षा का आश्वासन और भारत-पाक तनाव
गर्भवती रजनी को अधिकारियों ने पूर्णम की सुरक्षा का आश्वासन दिया और उन्हें वापस लौटने की सलाह दी। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि पूर्णम सुरक्षित हैं और शीघ्र ही भारत लौट आएंगे। BSF लगातार उनकी रिहाई के प्रयास में लगा हुआ था। इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। ऑपरेशन सिंदूर और दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात ने चिंता को और बढ़ा दिया।
पति की वापसी से फिर से मजबूत हुआ विश्वास
रजनी ने बताया कि फिरोजपुर जाने पर BSF के वरिष्ठ अधिकारियों ने हमें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने मुझे शांत और धैर्यवान रहने की सलाह दी। मैं इतने दिनों से धैर्य बनाए हुए थी, लेकिन परिस्थितियों के कारण हम सभी बहुत चिंतित थे। पति की वापसी को लेकर उम्मीदें धूमिल हो रही थीं, लेकिन उनकी वापसी के बाद उनका भारतीय सेना और केंद्र सरकार पर विश्वास और भी मजबूत हो गया है।




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