T-72 ने दिया ऐसा जख्म... पाकिस्तान को भारतीय 'महाबलि' ने रुला दिया!
- Deepak Singh Sisodia
- May 21
- 2 min read
Updated: May 22
पहलगाम हमले के प्रत्युत्तर में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का संचालन किया। इस अभियान के तहत टी-72 टैंक ने नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर से दृढ़ता से मोर्चा संभालते हुए शत्रु को गंभीर क्षति पहुंचाई है।

नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिउत्तर में, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देकर पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संदेश दिया। इस ऑपरेशन में राफेल फाइटर प्लेन, ब्रह्मोस मिसाइल, और एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 सुदर्शन चक्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके साथ ही, भारत के टी-72 टैंक ने पाकिस्तान से सटी सीमा एलओसी पर अपनी प्रभावशाली क्षमता का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन को भारी क्षति पहुंचाई। टी-72 ने सीमा पर पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया और दुश्मन की चौकियों को ध्वस्त कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: नियंत्रण रेखा पर भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर टी-72 टैंकों की तैनाती की थी। इस ऑपरेशन के दौरान, बख्तरबंद गोलाबारी, वायु रक्षा की सटीकता और तोपखाने के समन्वय के माध्यम से पाकिस्तान की आक्रामकता का प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया। इस अभियान ने पाकिस्तान के तोपखाने के प्रशिक्षण में गंभीर खामियों को भी उजागर किया, जिसमें एक बिना फटे गोले को फ्यूज के बजाय प्लग के साथ फिट पाया गया।
टी-72: वैश्विक सैन्य ताकत का प्रतीक
टी-72 एक सोवियत निर्मित युद्धक टैंक है, जिसे यूरालवगोनजावोड द्वारा डिजाइन किया गया है। इस टैंक का उत्पादन भारत सहित छह देशों में किया जाता है। वर्तमान में, इसे रूस, भारत, इराक, फिनलैंड और जर्मनी समेत लगभग तीन दर्जन देशों की सशस्त्र सेनाओं द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
टी-72 दुश्मन के टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों, और सैनिकों पर प्रभावी है।
टैंक का वजन 41,000 किलोग्राम है और इसमें तीन कर्मियों के बैठने की व्यवस्था है।
टैंक की ऊंचाई 2,190 मिमी और चौड़ाई 3,460 मिमी है।
इसमें 125 मिलीमीटर की तोप है, जो 4,500 मीटर तक मारक क्षमता रखती है।
टैंक में 12.7 मिलीमीटर की मशीन गन है, जो हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
टी-72 की सड़क पर अधिकतम गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा है।
यह कच्चे रास्तों पर 35-45 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने में सक्षम है।
टैंक में एक बार में 1,590 लीटर ईंधन भरा जा सकता है।
इसमें 7.62 मिलीमीटर की एक अतिरिक्त मशीन गन भी है।
घुसपैठ रोकने के लिए नियंत्रण रेखा पर T-72 और BMP-2 की तैनाती
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, टी-72 सेना की संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनमें 125 मिमी की तोपें और 4,000 मीटर तक की मिसाइल क्षमता शामिल है। इन्हें संयुक्त बल तैनाती के अंतर्गत लाया गया था। अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ के मार्गों को सील करने के उद्देश्य से BMP-2 बख्तरबंद वाहनों के साथ T-72 को नियंत्रण रेखा पर तैनात किया गया है, जो निरंतर सतर्कता को दर्शाता है।।




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