यूएन सेरेमनी में दो इंडियन पीसकीपर्स को मरणोपरांत मिलेगा डैग हैमार्स्क्जॉल्ड मेडल
- Deepak Singh Sisodia
- May 29
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संयुक्त राष्ट्र दो भारतीय शांति सैनिकों, ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को मरणोपरांत डैग हैमार्स्क्जॉल्ड मेडल से सम्मानित करेगा।

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) दो भारतीय शांति सैनिकों, ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को मरणोपरांत डैग हैमार्स्क्जॉल्ड मेडल से सम्मानित करेगा। यह सम्मान उन्हें वैश्विक शांति की सेवा में उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए प्रदान किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि
ब्रिगेडियर अमिताभ झा संयुक्त राष्ट्र डिसएंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स (UNDOF) के साथ जुड़े थे, जो गोलान हाइट्स में संघर्षविराम की निगरानी करती है। हवलदार संजय सिंह संयुक्त राष्ट्र स्थिरीकरण मिशन (MONUSCO) के तहत कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में तैनात थे, जहां वे संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने का कार्य कर रहे थे।
इन मेडल्स को आज न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष समारोह में मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा। आज, 29 मई, को संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1948 से अब तक UN के झंडे तले अपने प्राण गंवाने वाले 4300 से अधिक शांतिरक्षकों को श्रद्धांजलि देने का अवसर प्रदान करता है।
डैग हैमार्स्क्जॉल्ड मेडल: शांति मिशनों में सर्वोच्च बलिदान की मान्यता
डैग हैमार्स्क्जॉल्ड मेडल की स्थापना 1997 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1121 के अंतर्गत की गई थी। यह मेडल दूसरे संयुक्त राष्ट्र महासचिव डैग हैमार्स्क्जॉल्ड की स्मृति में प्रदान किया जाता है, जिनका 1961 में एक शांति मिशन के दौरान विमान दुर्घटना में निधन हो गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष उन सैनिकों, पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मरणोपरांत प्रदान किया जाता है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में अपने प्राणों की आहुति दी हो।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। अब तक, भारत ने 49 मिशनों में 2 लाख से अधिक सैनिक भेजे हैं। इससे पहले भी कई भारतीय शांतिरक्षकों को यह सम्मान प्राप्त हो चुका है।




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