PAK को दिए हथियार क्यों हो गए फुस्स? PL-15E का जिक्र होते ही घबरा गए चीनी डिफेंस प्रवक्ता; भारत का नाम आते ही साध ली चुप्पी
- Deepak Singh Sisodia
- May 30
- 3 min read
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों को लक्षित करते हुए ड्रोन और हथियारों के माध्यम से हमला करने का प्रयास किया था। हालांकि, भारतीय रक्षा प्रणाली ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया। पाकिस्तान ने चीन से खरीदे गए हथियारों का उपयोग भारत पर हमले के लिए किया था, लेकिन चीन के हथियार पाकिस्तान के लिए प्रभावी नहीं रहे।

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल के माध्यम से हमला करने का प्रयास किया था। इस हमले में पाकिस्तान ने चीन से खरीदे गए हथियारों का उपयोग किया। इनमें से कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचने के बाद भी निष्क्रिय रहीं और विस्फोट नहीं कर सकीं।
इन हथियारों में चीन का PL-15E रडार संचालित बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल भी शामिल था, जिसे पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए प्रयुक्त किया था। हालांकि, यह मिसाइल भी विस्फोट नहीं कर सकी।
भारतीय सेना की मिसाइल की सफलता पर चीन की प्रतिक्रिया
वर्तमान में यह मिसाइल भारतीय सेना के पास है। हालांकि, चीन को यह स्वीकार्य नहीं हो रहा है कि उसकी कथित सुपर ब्रांड की मिसाइल असफल रही। इस संबंध में जब चीन की सेना से प्रश्न पूछे गए, तो उनके पास उत्तर देने के लिए कुछ नहीं था।

चीन की सेना को सवाल का जवाब नहीं सूझा तो वे डिप्लोमेसी का ज्ञान देने लगे। भारत-पाकिस्तान तनाव को 20 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन चीन के पास अभी तक इसका कोई जवाब नहीं है।
चीन के PL-15E रॉकेट का अंतरराष्ट्रीय महत्व और भारतीय सुरक्षा पर प्रभाव
चीन PL-15E को अपना सबसे उन्नत रॉकेट मानता है। जब चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, सीनियर कर्नल झांग जियाओगांग से इस रॉकेट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "आपने जिस मिसाइल का उल्लेख किया है, वह एक निर्यात योग्य हथियार है और इसे कई बार देश-विदेश की रक्षा प्रदर्शनियों में प्रदर्शित किया गया है।"
उल्लेखनीय है कि भारतीय अधिकारियों ने PL-15E का एक प्रमाण बरामद किया है, जो 9 मई को पंजाब के होशियारपुर में मिला था। इस मिसाइल का उपयोग पाकिस्तान द्वारा भारत पर हमले के लिए किया गया था।

हालांकि, जब पत्रकारों ने कर्नल झांग से प्रश्न किया, तो वे यह स्पष्ट नहीं कर सके कि उनके देश का सबसे प्रीमियम प्रोजेक्ट वास्तविक युद्ध स्थिति में विफल क्यों रहा।
चीन की PL-15E मिसाइल: लंबी दूरी की सटीकता और उन्नत तकनीक
चीन PL-15E को एक उन्नत लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के रूप में प्रस्तुत करता है।
इसका विकास चीन के 607 इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है और इसका निर्माण चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (CASIC) द्वारा किया जाता है।
चीन के अनुसार, यह मिसाइल सक्रिय रडार-निर्देशित है और इसमें डुअल-पल्स सॉलिड-प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर है, जो इसे Mach 5 से अधिक गति और 145 किमी तक की रेंज प्रदान करती है।
यह मिसाइल JF-17 ब्लॉक III और J-10CE जैसे पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों पर तैनात है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने J-10C का उपयोग कर भारत पर हमला किया था।
चीन का कहना है कि इस मिसाइल का उपयोग उच्च मूल्य वाले हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
चीन के दावे के अनुसार, AESA रडार और टू-वे डेटालिंक इसे सटीक बनाते हैं और लॉन्च के बाद भी मिड-कोर्स अपडेट की अनुमति देते हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के विचार
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग ने PL-15E से संबंधित प्रश्नों को टालते हुए कूटनीति पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष शांत और संयमित रहेंगे और स्थिति को और जटिल बनाने वाले कदमों से बचेंगे।"
पत्रकारों ने कर्नल झांग से यह भी पूछा था कि क्या चीन ने भारत-पाकिस्तान के बीच टकराव के दौरान पाकिस्तान को हवाई रक्षा और सैटेलाइट सहायता प्रदान की थी, और इस दौरान चीनी हथियारों का प्रदर्शन औसत से कम रहा। इस प्रश्न को कर्नल झांग ने नजरअंदाज कर दिया।
क्षेत्रीय शांति के लिए चीन की रचनात्मक भूमिका पर चीनी रक्षा मंत्रालय का बयान
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल झांग ने कहा कि चीन एक व्यापक और स्थायी संघर्ष विराम प्राप्त करने तथा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।




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