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डोनाल्ड ट्रम्प:दूसरे देशों में करा रहे पंचायत, खुद ईरान को युद्ध की धमकी दे रहे ट्रंप, खामेनेई ने भी दिखाए तेवर

अमेरिका-ईरान संघर्ष: एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वैश्विक स्तर पर युद्धग्रस्त देशों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे ईरान को लगातार हमलों की धमकी दे रहे हैं। इस स्थिति में ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि एक और युद्ध की स्थिति बन रही है।

अमेरिका-ईरान के बीच नहीं हो रही सुलह
अमेरिका-ईरान के बीच नहीं हो रही सुलह

वर्तमान समय में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जहां भी जाते हैं, युद्धविराम और शांति की बात करते हैं। सोशल मीडिया पर अपनी राय खुलकर व्यक्त करने के बाद, जब वे चार दिवसीय खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान सऊदी अरब पहुंचे, तो उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में अपनी भूमिका का भी उल्लेख किया। हालांकि, यह एक अलग बात है कि वे अपने और ईरान के मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।


ईरान-अमेरिका तनाव: युद्ध की संभावनाएं और कूटनीतिक चुनौतियां

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर विश्व के युद्धग्रस्त देशों के मामलों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे ईरान को लगातार हमलों की धमकी दे रहे हैं। इस संदर्भ में, ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई भी किसी प्रकार का समझौता करने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। खाड़ी देशों की यात्रा के बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि ईरान और अमेरिका अंतिम दौर की बातचीत की तैयारी कर रहे हैं, जिससे अत्यधिक उम्मीदें नहीं हैं। ऐसा लगता है जैसे एक और युद्ध की संभावना निकट है।


ईरान के साथ ट्रंप की कूटनीतिक चुनौतियाँ और धमकियाँ

डोनाल्ड ट्रंप अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप कर समाधान कराने का दावा करते हैं, लेकिन वे ईरान के साथ अपने मुद्दों को सुलझाने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। वे लगातार ईरान को चेतावनी दे रहे हैं कि यदि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर वाशिंगटन के साथ समझौता नहीं करता, तो उसे अमेरिकी जहाजों की बमबारी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी धमकी दी है कि इसके अलावा ईरान पर व्यापार करने के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाए जा सकते हैं। इन धमकियों के जवाब में, ईरान के सुरक्षा प्रमुख ने कहा है कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।


ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी देशों और अमेरिका के आरोप

राष्ट्रपति ट्रंप ने तेहरान की विवादास्पद परमाणु गतिविधियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को पुनः लागू कर दिया था। पश्चिमी देश लगातार ईरान पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह परमाणु हथियार क्षमता विकसित करने का एक गुप्त एजेंडा चला रहा है, जो उनके अनुसार, नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए उचित नहीं है। इसके जवाब में, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नागरिक ऊर्जा उद्देश्यों के लिए ही है।


ईरान-अमेरिका तनाव: ट्रंप की धमकियों पर खामनेई की कड़ी प्रतिक्रिया

परमाणु मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की धमकियों के जवाब में, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है कि यदि ट्रंप अपनी धमकियों को अमल में लाते हैं, तो अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खाड़ी देशों की यात्रा का उद्देश्य ईरान के खिलाफ जनमत तैयार करना है। इस यात्रा के दौरान, वे सऊदी अरब गए और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की, साथ ही कई व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप को सीरिया के अंतरिम नेता अहमद अल-सरा से भी मिलना है। इसके बाद, अपनी चार दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में, वे दोहा में कतर के अमीर से भेंट करेंगे।


ईरान के खिलाफ खाड़ी देशों के समर्थन की तलाश में ट्रंप, अमेरिका की सैन्य तैयारी तेज

यदि ट्रंप को इस यात्रा के दौरान ईरान के खिलाफ खाड़ी देशों का समर्थन प्राप्त होता है, तो वे आगे की रणनीति निर्धारित करेंगे। इसी बीच, अमेरिका ने अपनी सेना को ईरान के चारों ओर तैनात करना शुरू कर दिया है। इसमें अमेरिका के सबसे शक्तिशाली बम, जो लगभग 30,000 पाउंड का है, को ले जाने वाले B2 विमान को भी ईरान के निकट तैनात किया गया है। माना जा रहा है कि जून-जुलाई में अमेरिका और ईरान के बीच यह विवाद और बढ़ सकता है।

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