फील्ड मार्शल नहीं, 'किंग' का टाइटल दो... जनरल आसिम मुनीर को इनाम मिलने का इमरान खान ने बनाया मजाक, बताया पाकिस्तान का सच
- Deepak Singh Sisodia
- May 23
- 2 min read
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किए जाने पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है। उन्होंने सुझाव दिया कि जनरल मुनीर को 'किंग' की उपाधि प्रदान कर देनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने किसी भी प्रकार की डील से इनकार किया।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर की फील्ड मार्शल पद पर पदोन्नति की आलोचना की है। जेल में बंद पाकिस्तानी नेता ने टिप्पणी की कि जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के बजाय खुद को राजा की उपाधि देनी चाहिए, क्योंकि वर्तमान में पाकिस्तान में अराजकता का माहौल है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने हाल ही में, 20 मई को, जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया। वह पाकिस्तान के इतिहास में इस पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे आर्मी चीफ हैं। इससे पहले, पाकिस्तान में सैन्य तानाशाही की शुरुआत करने वाले जनरल अयूब खान ने खुद को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया था।
इमरान खान का जनरल आसिम मुनीर की पदोन्नति पर कटाक्ष
इमरान खान ने आसिम मुनीर की पदोन्नति पर व्यंग्य करते हुए कहा, "माशा अल्लाह, जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है। हालांकि, उन्हें 'किंग' की उपाधि देना अधिक उपयुक्त होता, क्योंकि वर्तमान में देश में जंगल के कानून का राज है, और जंगल में केवल एक राजा होता है।"
इमरान खान ने डील की अटकलों को खारिज करते हुए सैन्य प्रतिष्ठान को दिया बातचीत का निमंत्रण
इमरान खान ने सेना या सरकार के साथ किसी भी प्रकार की डील या बातचीत की अटकलों को खारिज करते हुए उन्हें निराधार झूठ करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया, 'कोई डील नहीं हुई है, न ही कोई बातचीत चल रही है। ये सभी निराधार झूठ हैं।' हालांकि, उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठान को बातचीत के लिए खुला निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, 'देश इस समय बाहरी खतरों, आतंकवाद में वृद्धि और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हमें एकजुट होना चाहिए। मैंने पहले कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा, और न ही अब मांगूंगा।'
खान की चेतावनी: संभावित हमले और लोकतंत्र की चुनौती
खान ने शहबाज शरीफ सरकार को भारत द्वारा संभावित हमले के बारे में चेतावनी दी और कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कानून केवल कमजोरों पर अपना प्रभाव दिखाता है। उन्होंने कहा, "वर्तमान स्थिति यह दर्शाती है कि लोकतंत्र की मूल भावना को दबाया जा रहा है। जब आप यह संदेश देते हैं कि जितना बड़ा चोर होगा, वह उतने ही उच्च पद पर होगा, तो आप न्याय को समाप्त कर देते हैं।"
पीटीआई संस्थापक की जरदारी और शरीफ पर तीखी आलोचना
पीटीआई के संस्थापक ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'एनएबी अभी भी (राष्ट्रपति) आसिफ जरदारी की बहन के खिलाफ कर्मचारियों के नाम पर पंजीकृत पांच अपार्टमेंट से संबंधित मामला दर्ज किए हुए है। वह विदेश में हैं, और कोई भी उनसे पूछताछ करने का साहस नहीं करता। शहबाज शरीफ पर 22 अरब पाकिस्तानी रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप लगाए गए थे, फिर भी उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।'




Comments