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ऑपरेशन सिंदूर के ठीक बाद यूं ही नहीं नीदरलैंड पहुंचे भारत के चाणक्‍य जयशंकर, पाकिस्‍तानी नौसेना की गर्दन दबाने की तैयारी

भारत ने पाकिस्तान पर बहुआयामी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पराजित करने के बाद, अब भारत ने पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति रोकने के प्रयासों को तेज कर दिया है।

नीदरलैंड के दौरे पर पहुंचे पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख
नीदरलैंड के दौरे पर पहुंचे पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख

एम्स्टर्डम: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर नीदरलैंड के दौरे पर हैं। तुर्की, अजरबैजान और चीन के खिलाफ सफल राजनयिक प्रतिक्रिया के बाद, भारत अब पाकिस्तानी नौसेना पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। नीदरलैंड, पाकिस्तानी नौसेना को हथियार और युद्धपोत की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश है। पाकिस्तान अपने 81% हथियार चीन से खरीदता है, इसके बाद रूस, नीदरलैंड, इटली और तुर्की से हथियार प्राप्त करता है। नीदरलैंड पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल है। 1980 के दशक से पाकिस्तान और नीदरलैंड के बीच हथियारों की खरीद-फरोख्त जारी है, जिसमें पाकिस्तान ने नीदरलैंड से बारूदी सुरंगों का पता लगाने वाले युद्धपोत और गश्ती जहाज खरीदे हैं।


भारतीय विदेश मंत्री ने नीदरलैंड में पाकिस्तान की आतंकवाद नीति पर उठाए सवाल

भारतीय विदेश मंत्री ने नीदरलैंड के समक्ष पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद के मुद्दे को उठाया। जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि पाकिस्तान से सीमापार आतंकवादी हमले जारी रहते हैं, तो इस्लामाबाद को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। नीदरलैंड के एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में जयशंकर ने 22 मई के पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना का नेतृत्व धार्मिक कट्टरपंथ में लिप्त है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी का नीदरलैंड दौरा प्रस्तावित था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के कारण संभव नहीं हो सका। ऐसा माना जा रहा है कि आतंकवाद का हवाला देकर जयशंकर ने एक बार फिर से नीदरलैंड से पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति रोकने का आग्रह किया है।


भारत का नीदरलैंड से पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति रोकने का आग्रह

18 मार्च को आयोजित एक बैठक के दौरान भारत ने नीदरलैंड से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति से परहेज करे। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संदर्भ में कहा कि पाकिस्तान को हथियार प्रदान करने से क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि नीदरलैंड द्वारा पाकिस्तान को हथियार देने से क्षेत्र में अस्थिरता फैल रही है, विशेष रूप से भारत की सीमाओं के लिए यह अधिक जोखिमपूर्ण है। उस समय नीदरलैंड ने भारत के अनुरोध पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी थी। राजनाथ सिंह ने यह चेतावनी भी दी कि नीदरलैंड से प्राप्त हथियारों का उपयोग भारत को धमकाने के लिए किया जा सकता है।


नीदरलैंड और पाकिस्तान के रक्षा संबंधों पर भारत के संभावित प्रभाव

नीदरलैंड द्वारा पाकिस्तान को कौन से हथियार प्रदान किए जाते हैं, इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, नीदरलैंड पाकिस्तानी नौसेना के साथ-साथ सेना के लिए हथियारबंद वाहनों की आपूर्ति भी करता है। वर्ष 2010 से 2020 के बीच, पाकिस्तान ने नीदरलैंड से 150 मिलियन डॉलर के हथियार खरीदे थे। पाकिस्तान का दावा है कि उसने नीदरलैंड से जो भी हथियार खरीदे हैं, वे सभी रक्षात्मक प्रकृति के हैं। भारत ने नीदरलैंड को रक्षा क्षेत्र में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है और संयुक्त रूप से हथियार निर्माण का भी सुझाव दिया है, जिससे नीदरलैंड 120 अरब डॉलर के भारतीय रक्षा बाजार का लाभ उठा सके। हालांकि, उस समय नीदरलैंड ने इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी थी। अब, जयशंकर की यात्रा के बाद, यदि नीदरलैंड भारत के साथ सहयोग करता है, तो इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है। भारत और नीदरलैंड के बीच कई अरब डॉलर का व्यापार होता है।



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