कौन है मुल्ला शरीफ, जिसे मारकर जश्न मना रहा BLA, खुलेआम ऐलान कर पाकिस्तान को दी गहरी चोट
- Deepak Singh Sisodia
- May 14
- 2 min read
पाकिस्तान समाचार: बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मुल्ला शरीफ को मारने का दावा किया है। उन्होंने शव की तस्वीर के साथ एक बयान जारी कर पाकिस्तान सेना को चेतावनी दी है।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर जिले के जिवानी क्षेत्र में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बड़ा हमला किया है। इस हमले में उन्होंने मुल्ला शरीफ को मार गिराने का दावा किया है। बीएलए ने मुल्ला शरीफ के संबंध में एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का प्रमुख मुखबिर बताया गया है। बीएलए ने जिवानी में इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे 'पाकिस्तानी कब्जे' के खिलाफ अपनी मुहिम का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है।
बीएलए का आरोप: मुल्ला शरीफ पर दस वर्षों से सुरक्षा बलों के लिए मुखबिरी का आरोप
बीएलए के बयान के अनुसार, मुल्ला शरीफ पिछले दस वर्षों से पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI), कोस्ट गार्ड और अन्य सुरक्षा बलों के लिए मुखबिरी कर रहा था। इसमें यह दावा किया गया है कि वह बलूच युवाओं के जबरन गायब होने, सैन्य अभियानों के दौरान स्थानीय लोगों से खुफिया जानकारी एकत्रित करने और बलूच जनता को आर्थिक रूप से दबाने जैसे गंभीर मामलों में शामिल था।
मुल्ला शरीफ: बीएलए के आरोप और पाकिस्तानी सेना से संबंध
मुल्ला शरीफ मूल रूप से बुलेदा का निवासी था। बीएलए के अनुसार, शरीफ काफी समय से जिवानी में रहकर पाकिस्तानी सेना के लिए कार्यरत था। बीएलए ने उसे मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी अब्दुल्ला लोढाना, जिन्हें उमर के नाम से भी जाना जाता है, का करीबी बताया है।
बलूच क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की सहायता करने वालों के लिए बीएलए की सख्त चेतावनी
बीएलए ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति बलूच क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना या उससे संबद्ध संस्थाओं की सहायता करते हुए पाया जाएगा, चाहे वह उनके साथ यात्रा कर रहा हो या उन्हें वाहन उपलब्ध करा रहा हो, उसे किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी।
बीएलए ने यह भी आरोप लगाया कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद, कुछ लोग अब भी कोस्ट गार्ड जैसी संस्थाओं की सहायता करके 'कब्जे वाली ताकतों' को सशक्त बना रहे हैं। संगठन ने मुल्ला शरीफ की हत्या को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करते हुए कहा कि अब इस प्रकार के कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसी तरह के परिणाम भुगतने होंगे।
पाकिस्तान की सुरक्षा तंत्र की विफलता और BLA की गहरी रणनीतिक तैयारी
यह हमला केवल एक व्यक्ति की हत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया तंत्र की एक बड़ी विफलता को दर्शाता है। एक ऐसे व्यक्ति को लक्ष्य बनाना, जो वर्षों से सेना के लिए कार्यरत था और जिसके पास अंदरूनी जानकारियां थीं, यह इंगित करता है कि BLA की नेटवर्किंग और रणनीतिक तैयारी अत्यंत गहरी हो चुकी है।
इसके अतिरिक्त, इस हमले के परिणामस्वरूप जिवानी और आसपास के क्षेत्रों में सेना के लिए समर्थन जुटाना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पाकिस्तानी सेना पहले से ही बलूच लड़ाकों के हमलों से चिंतित है। ऐसे में जब उसके समर्थकों को खुलेआम धमकियां दी जा रही हों और इसके उदाहरण प्रस्तुत किए जा चुके हों, तो यह क्षेत्र में उसके लिए नई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।




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