पाकिस्तान ने यात्री विमानों को अवाक्स के लिए बनाया ढाल, फिर भारत के S-400 ने आसमानी आंख को खोजकर कैसे उड़ाया? खुलासा
- Deepak Singh Sisodia
- May 29
- 4 min read
पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध के दौरान अपने AEW&C विमान को यात्री विमानों के बीच उड़ाने का प्रयास किया था। इसका उद्देश्य अपने AEW&C विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारत के भीतर निगरानी बनाए रखना था। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के भीतर 300 किलोमीटर से अधिक अंदर तक AEW&C उड़ाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ हमास की शैली में संघर्ष करने का प्रयास किया, जिसमें आम नागरिकों को ढाल बनाकर भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन को रोकने की कोशिश की। हालांकि, भारत ने कुशल रणनीति अपनाते हुए पाकिस्तानी वायुसेना के AEW&C एयरक्राफ्ट (एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल) को निशाना बनाया, जिससे वायुसेना के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ। यह पहली बार है जब किसी एयर डिफेंस सिस्टम ने युद्ध के दौरान 314 किलोमीटर दूर स्थित AEW&C एयरक्राफ्ट को सफलतापूर्वक मार गिराया। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसेना के दो Saab 2000 AEW&C विमानों को निष्क्रिय कर दिया, जिनमें से एक को आकाश में और दूसरे को पाकिस्तान की जमीन पर नष्ट किया गया।
भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन ने पाकिस्तान की रणनीति का किया पर्दाफाश
इंडियन एयरफोर्स के इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब अपने दुश्मनों को उनके क्षेत्र में जाकर निशाना बनाता है। इसके साथ ही, यह भी प्रमाणित हुआ है कि पाकिस्तान नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश करता है और उसकी रणनीति वैश्विक आतंकी संगठनों की रणनीति से मेल खाती है। भारत ने 8-9 मई को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार यह कहा था कि पाकिस्तान भारत पर ड्रोन हमले कर रहा है, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्री विमानों का संचालन कर रहा है। जबकि ऐसे हालात में देशों की यह जिम्मेदारी होती है कि वे अपने क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित करें।
पाकिस्तान के AEW&C विमान को निशाना बनाने में भारत की रणनीतिक सफलता
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध के दौरान अपने AEW&C विमान को यात्री विमानों के बीच उड़ाने का प्रयास किया था। इसका उद्देश्य अपने AEW&C विमान की सुरक्षा के साथ-साथ भारत के भीतर निगरानी बनाए रखना था। भारत ने उस समय कहा था कि यात्री विमानों के कारण उसे कई बार अपने ऑपरेशन रोकने पड़े, क्योंकि वह किसी नागरिक विमान को निशाना नहीं बनाना चाहता था। हालांकि, पाकिस्तान की लगातार ऐसी कोशिशों के चलते, भारत ने एक रणनीति बनाकर पाकिस्तानी AEW&C विमान को ट्रैक कर लिया और भारत के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की सीमा के भीतर 314 किलोमीटर अंदर स्थित AEW&C विमान को सटीकता से निशाना बनाकर मार गिराया।
भोलारी एयरबेस पर भारतीय हमले से पाकिस्तान के AEW&C और लड़ाकू विमान नष्ट
AEW&C विमान के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान चिंतित हो गया और उसने अपने दूसरे AEW&C विमान को भोलारी एयरबेस पर हैंगर में सुरक्षित कर दिया। AEW&C विमान अत्यधिक महंगे होते हैं, इसलिए पाकिस्तान वायुसेना उन्हें खोना नहीं चाहती थी। हालांकि, भारत ने एक और सटीक हमला करते हुए भोलारी एयरबेस पर तैनात न केवल AEW&C विमान, बल्कि वहां मौजूद कुछ अन्य लड़ाकू विमानों को भी नष्ट कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, वहां पाकिस्तान वायुसेना के दो F-16 फाइटर जेट और JF-17 लड़ाकू विमान तैनात थे, जो भारत के हमले में पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि भोलारी एयरबेस में हुई इस तबाही के बाद भी पाकिस्तान वायुसेना ने अब तक मलबा हटाना शुरू नहीं किया है। मलबे की तस्वीरें अभी भी सैटेलाइट इमेजरी में स्पष्ट दिखाई दे रही हैं।
ISRO के सैटेलाइट्स की मदद से भारत की सुरक्षा रणनीति में बढ़त
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने कुछ वर्ष पहले निगरानी सैटेलाइट विकसित कर उसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया था, जो पाकिस्तान पर सटीक हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इन सैटेलाइट्स के माध्यम से पाकिस्तानी वायुसेना की हर गतिविधि पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। भारत का यह सैटेलाइट अत्यंत शक्तिशाली है। रिपोर्ट के अनुसार, ISRO की खुफिया सैटेलाइट ने भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के उच्च-मूल्य वाले संसाधनों की गतिविधियों, विशेष रूप से Saab 2000 AEW&C, पर लगातार नजर रखने में सक्षम बनाया। भारत यह भी मॉनीटर कर रहा था कि पाकिस्तान अपने AEW&C विमान को यात्री विमानों के बीच कैसे संचालित कर रहा है। पाकिस्तान का मानना था कि यात्री विमानों के बीच होने के कारण भारत हमला नहीं करेगा। हालांकि, भारत ने सैटेलाइट के माध्यम से AEW&C पर लगातार नजर रखी और शेष कार्य एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पूरा किया।
AEW&C विमानों की अहमियत और पाकिस्तान की घटती निगरानी क्षमता
यह महत्वपूर्ण है कि AEW&C विमान किसी भी आधुनिक वायुसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये रडार प्लेटफॉर्म 400-500 किलोमीटर की दूरी से शत्रु की गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं और हवाई अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपको याद होगा कि युद्ध के प्रारंभ से पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारतीय नौसेना के पी-8I विमान को ट्रैक किया है। वास्तव में, यह पाकिस्तान के लिए एक चारा था, जबकि पी-8I विमान ने समुद्र के भीतर पाकिस्तान की सभी गतिविधियों का निरीक्षण कर लिया था। पाकिस्तान भारतीय विमान को ट्रैक करने पर गर्व कर रहा था, जबकि भारतीय अधिकारी संभवतः उनकी इस मूर्खता पर मुस्कुरा रहे थे। पाकिस्तान के पास केवल 3 Saab 2000 AEW&C विमान थे, जिनमें से अब दो नष्ट हो चुके हैं। इसका अर्थ है कि पाकिस्तान की लगभग 70% निगरानी क्षमता समाप्त हो चुकी है, और इस स्थिति में यदि भारत कोई बड़ा अभियान करता है, तो पाकिस्तान की वायुसेना उसे समय पर पहचानने में सक्षम नहीं होगी।




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