भारत के हाथों मिली शर्मिंदगी से बौखलाई पाकिस्तानी सेना, बलूचों पर उतार रही हार की खीझ, शुरू किया दमन चक्र
- Deepak Singh Sisodia
- May 17
- 2 min read
भारत के साथ हुई असफलता को छिपाने के प्रयास में, पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में अत्याचार शुरू कर दिए हैं। पाकिस्तानी बलों ने बलूचिस्तान में व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे एक बार फिर आम बलूच नागरिकों के निशाना बनने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिली हार के बाद पाकिस्तानी सेना में बेचैनी देखी जा रही है। भारत के हाथों मिली शर्मिंदगी के बाद, पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में कठोर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बलोच सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर कार्रवाई आरंभ की है। कई क्षेत्रों में इंटरनेट और बिजली सेवाएं बंद कर दी गई हैं ताकि बलूचिस्तान में लोगों के बीच संपर्क बाधित हो और अत्याचार की खबरें बाहर न जा सकें। इसे पाकिस्तानी सेना की छवि सुधारने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तान की वायु रक्षा विफलता और बलूचिस्तान में सैन्य पुनः तैनाती
भारत के हमले के दौरान पाकिस्तान के वायु रक्षा प्रणाली की विफलता और मिसाइल की कमजोरियों का पर्दाफाश हो चुका है। इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान के भीतर सेना की कार्यक्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। इन मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान में अपने अभियान को तेज कर रही है। भारत के साथ पूर्वी सीमा से सैनिकों को बलूचिस्तान में पुनः तैनात किया जा रहा है।
पाकिस्तानी सेना की बलूचिस्तान में बढ़ती गतिविधियाँ: विफलताओं से ध्यान भटकाने की रणनीति
पाकिस्तानी सेना द्वारा सैनिकों की तैनाती उसी पैटर्न का हिस्सा है, जिसमें वह अन्य मोर्चों पर विफल होने पर बलूचिस्तान में अपनी गतिविधियों को बढ़ा देती है। इससे पहले 1999 के कारगिल युद्ध, 2019 के बालाकोट हवाई हमले और 2006 में नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद भी यही रणनीति अपनाई गई थी। प्रत्येक बार सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियान की आड़ में बलपूर्वक लोगों को गायब किया और न्यायेतर हत्याएं कीं। एक बार फिर, अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए बलूचों को दंडित करने की तैयारी की जा रही है।
बलूचिस्तान में बढ़ती अलगाववाद की मांग और क्षेत्रीय नियंत्रण का दावा
हाल के समय में बलूचिस्तान में अलगाववाद की मांग काफी बढ़ गई है। हाल ही में बलोच कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा की थी। इसी दौरान, बलोच अमेरिकी कांग्रेस के महासचिव रज्जाक बलोच ने यह दावा किया कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के 70-80 प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण खो दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना अब केवल क्वेटा तक सीमित है और भय के कारण सैनिक रात में सड़कों पर गश्त नहीं कर रहे हैं।




Comments