top of page
Hindi Samachar.jpg

शहबाज शरीफ ने फिर की भारत की नकल, शशि थरूर और ओवैसी से मुकाबले के लिए बिलावल भुट्टो को सौंपी कमान

पाकिस्तान सरकार ने बिलावल भुट्टो जरदारी को वैश्विक मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है। इसके जवाब में, भारत ने विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। इस परिप्रेक्ष्य में शहबाज शरीफ ने यह कदम उठाया है।

बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के बड़े सियासी चेहरे हैं।
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के बड़े सियासी चेहरे हैं।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने हालिया भारत-पाक संघर्ष पर अपना पक्ष रखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसके लिए पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को चुना है। यह निर्णय भारत की पहल के जवाब में लिया गया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार पहले ही एक प्रतिनिधिमंडल की घोषणा कर चुकी है, जिसमें शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं। इसी संदर्भ में शहबाज शरीफ ने भुट्टो से वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।


बिलावल भुट्टो का अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का नेतृत्व करने का सम्मान और जिम्मेदारी

बिलावल भुट्टो ने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनसे संपर्क किया और एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का अनुरोध किया। उन्होंने लिखा, 'प्रधानमंत्री ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की शांति के लिए मामले को प्रस्तुत करने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं। मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं और चुनौतीपूर्ण समय में पाकिस्तान की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।' बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक परिवार (भुट्टो-जरदारी परिवार) से ताल्लुक रखते हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन हैं। वह पूर्व में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं।


आतंकवाद के खिलाफ भारत की कूटनीतिक पहल: सात सांसदों को विशेष जिम्मेदारी

भारत सरकार ने सात सांसदों को विभिन्न देशों में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो-टॉलरेंस नीति और पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में भारत के साक्ष्य और दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना है। इसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 से 10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष देखा गया था।


भारत के प्रतिनिधिमंडलों की आगामी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं

भारत की ओर से शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, संजय कुमार झा, बैजयंत पांडा, कनिमोझी करुणानिधि, सुप्रिया सुले और श्रीकांत एकनाथ शिंदे अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबसे पहले 24 मई को गुयाना की यात्रा होगी। यह प्रतिनिधिमंडल 2 जून तक अमेरिका पहुंचेगा और महीने के पहले सप्ताह तक वहां रहेगा।


पाकिस्तान द्वारा भारत की सैन्य गतिविधियों का अनुकरण

हाल के संघर्ष के दौरान, पाकिस्तान ने भारत की कई गतिविधियों का अनुकरण किया है। हाल ही में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सियालकोट में एक सैन्य अड्डे का दौरा किया। यह दौरा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमपुर एयरबेस पर जाने और वहां जवानों के साथ बातचीत करने के बाद हुआ। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जवानों को संबोधित करने के बाद, शहबाज शरीफ ने भी पाकिस्तानी सेना के जवानों को संबोधित किया।


पाकिस्तान-भारत तनाव: पहलगाम हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन की होड़

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बना हुआ है। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दोनों देश अपनी-अपनी दावे कर रहे हैं। पाकिस्तान ने इस मामले पर लगातार गलत जानकारी प्रस्तुत की है। इस स्थिति में, भारत के बाद अब पाकिस्तान ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है।

Comments


bottom of page