तुर्की के ड्रोन बहुत खतरनाक नहीं लेकिन... पूर्व अमेरिकी NSA ने बताया एर्दोगन के पाकिस्तान प्रेम से खतरा, दुनिया को चेताया
- Deepak Singh Sisodia
- May 22
- 2 min read
पूर्व अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पाकिस्तान को तुर्की के सैन्य समर्थन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने भारत के साथ पाकिस्तान के हालिया संघर्ष में तुर्की की भूमिका पर चर्चा की है।

वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पाकिस्तान को तुर्की से मिल रहे सैन्य समर्थन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर वैश्विक स्तर पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। हाल के समय में पाकिस्तान ने तुर्की से बड़ी संख्या में ड्रोन प्राप्त किए हैं। इस संदर्भ में बोल्टन ने कहा कि तुर्की के ड्रोन व्यापक चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन इन्हें अत्याधुनिक नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि ड्रोन की विशेषताएँ एक अलग मुद्दा हैं, लेकिन भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान द्वारा तुर्की के ड्रोन के उपयोग पर ध्यान देना आवश्यक है। यह एक बड़े क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की पाकिस्तान में विशेष रुचि: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चेतावनी
बोल्टन ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, 'तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन का प्रशासन वैश्विक स्तर पर महत्वाकांक्षाएं रखता है। एर्दोगन की विशेष रूप से पाकिस्तान में रुचि है। जिस प्रकार से वे पाकिस्तान को समर्थन प्रदान कर रहे हैं, उस पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।' पाकिस्तान ने 6-10 मई तक भारत के खिलाफ चले सैन्य संघर्ष में बड़े पैमाने पर तुर्की से प्राप्त ड्रोन का उपयोग किया। इसी संदर्भ में बोल्टन की यह टिप्पणी आई है।
जॉन बोल्टन का भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के समर्थन में बयान
जॉन बोल्टन ने पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य प्रतिक्रिया का समर्थन करते हुए इसे आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा, 'भारत को पाकिस्तान के अंदर उन स्थानों पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है, जहां पहलगाम हमले की योजना बनाई गई और इसे अंजाम दिया गया।'
जॉन बोल्टन: ऑपरेशन सिंदूर बालाकोट से अधिक गंभीर, पाकिस्तान-चीन संबंधों पर चिंता
जॉन बोल्टन ने ऑपरेशन सिंदूर को 2019 के बालाकोट हवाई हमलों की तुलना में अधिक गंभीर कार्रवाई बताया है। उन्होंने पाकिस्तान को तुर्की और चीन से मिल रही सहायता की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। बोल्टन ने कहा कि पाकिस्तान में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवाद पर नियंत्रण लगाने का भी आग्रह किया है।
पाकिस्तान द्वारा तुर्की निर्मित ड्रोन का भारतीय सीमा पर व्यापक उपयोग
भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान, पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग करते हुए हमले का प्रयास किया था। सेना के अनुसार, पाकिस्तान ने चार दिनों में 800 से 1000 ड्रोन तैनात किए। कर्नल सोफिया कुरैशी ने यह भी बताया कि ड्रोन के मलबे की प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ये तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं। तुर्की में ड्रोन के बड़े पैमाने पर उत्पादन और पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों के कारण भारतीय सुरक्षा हलकों में चिंता बढ़ गई है।




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