फरीदाबाद में ई-अधिगम योजना के 26 हजार छात्रों की बढ़ी परेशानी, मुफ्त इंटरनेट पर लग गई रोक
- Deepak Singh Sisodia
- May 30
- 3 min read
फरीदाबाद में ई-अधिगम योजना के अंतर्गत छात्रों को प्रदान किए जाने वाले मुफ्त इंटरनेट की सेवा रोक दी गई है, जिससे लगभग 26,000 छात्रों की समस्याएं बढ़ गई हैं। शिक्षा निदेशालय के इस निर्णय के कारण अभिभावकों पर आर्थिक भार बढ़ गया है, क्योंकि अब उन्हें स्वयं इंटरनेट रिचार्ज कराना होगा। अभिभावकों का कहना है कि इंटरनेट के बिना टैबलेट का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि अध्ययन सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है।

फरीदाबाद: ई-अधिगम योजना के तहत टैबलेट का उपयोग कर रहे 26,000 छात्रों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं। अब शिक्षा निदेशालय की ओर से छात्रों को टैबलेट पर प्रतिदिन दो जीबी इंटरनेट उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। इस पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है, जिससे छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इन आदेशों का अभिभावक विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि बिना इंटरनेट के टैबलेट पर अपलोड किए गए अध्ययन सामग्री को छात्र नहीं पढ़ सकेंगे।
जिले के 378 राजकीय स्कूलों में कक्षा नौवीं (बुनियाद) से बारहवीं के लगभग 28,000 विद्यार्थियों को वर्ष 2022 में ई-अधिगम योजना के तहत टैबलेट प्रदान किए गए थे। हर वर्ष वार्षिक परीक्षा के बाद विद्यार्थियों को टैबलेट कक्षा इंचार्ज के पास जमा कराना होता है।
छात्रों के लिए टैबलेट वितरण के साथ सिम और डेटा खर्च का बोझ अभिभावकों पर
नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश करने वाले छात्रों को टैबलेट प्रदान किए जाते हैं। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अधिकांश विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं। इसी बीच, निदेशालय ने एक आदेश जारी किया है। अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए नई सिम खरीदनी होगी और उसका रिचार्ज भी स्वयं कराना होगा।
दो जीबी डेटा का पैक किसी भी कंपनी से 300 रुपये से कम में उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति में, अभिभावकों को हर महीने इसका अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहना पड़ेगा। विभाग इससे पहले छात्रों को प्रतिदिन पढ़ाई के लिए दो जीबी डेटा निशुल्क प्रदान करता था। अब विभाग ने सिम और डेटा न देने का आदेश जारी किया है।
सरकारी स्कूल से मिला टैबलेट, लेकिन रिचार्ज की चुनौती
सेक्टर-24 की निवासी संगीता ने बताया कि उनका बेटा रंजीत राजकीय विद्यालय में दसवीं कक्षा का छात्र है। उनके पति सब्जी विक्रेता हैं और घर का खर्च रोज की कमाई से चलता है। जब सरकारी स्कूल से टैबलेट मिला, तो इस बात की खुशी हुई कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। हालांकि, अब हमें हर महीने रिचार्ज करवाना पड़ेगा, जो हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सरकारी स्कूलों में टैबलेट वितरण की समस्याएं और चुनौतियां
संजय कॉलोनी की निवासी अंजना देवी ने बताया कि टैबलेट पर प्रतिदिन होमवर्क, असाइनमेंट और टेस्ट पेपर अपलोड होते हैं। विद्यार्थी टैबलेट पर विषय से संबंधित वीडियो देखकर आसानी से समझ सकते थे। सरकारी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र पढ़ते हैं, और मजदूर वर्ग के लिए हर महीने रिचार्ज कराना संभव नहीं है। विभाग को पहले ही टैबलेट नहीं देने चाहिए थे, क्योंकि बिना इंटरनेट के टैबलेट का कोई उपयोग नहीं है।
इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद: छात्रों की अनुचित गतिविधियों पर विभाग की सख्ती
कुछ विद्यार्थी टैबलेट पर पढ़ाई के अलावा अन्य एप और वेबसाइट का उपयोग कर रहे थे। इस कारण विभाग ने अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में सभी कक्षा इंचार्ज को सूचित कर दिया गया है। विद्यार्थी अपने घर के वाईफाई का उपयोग कर सकते हैं या फिर अध्यापकों की अनुमति के बाद स्कूल के इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। - धर्मेंद्र अधाना, जिला गणित विशेषज्ञ




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