बिना डॉक्टर और फार्मासिस्ट के चलता है नंगला एन्क्लेव आयुष्मान आरोग्य केंद्र
- Deepak Singh Sisodia
- May 30
- 3 min read
फरीदाबाद के नंगला एन्क्लेव स्थित आयुष्मान आरोग्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है। डॉक्टर और फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति के कारण केंद्र का संचालन प्रभावित हो रहा है, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड और दवाओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, केंद्र में दवाओं की कमी भी है, जिससे मरीज निराश हो रहे हैं। प्रशासन एक किराये की बड़ी इमारत में डिलीवरी हट शुरू करने का प्रयास कर रहा है।

फरीदाबाद: फरीदाबाद में जिला स्वास्थ्य विभाग महिलाओं और बच्चों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने का दावा करता है, लेकिन वास्तविकता कुछ भिन्न है। नंगला एन्क्लेव भाग एक में स्थित आयुष्मान आरोग्य केंद्र की स्थिति देखकर यह स्पष्ट होता है कि यहां मरीजों को संतोषजनक सेवाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं।
महिलाओं और बच्चों के लिए चिकित्सा सेवाओं में बाधा
महिलाओं और बच्चों को चिकित्सा उपचार के लिए भटकना पड़ता है। शुक्रवार को जब जांच की, तो यह जानकारी मिली कि यहां केंद्र पूरे दिन बिना डॉक्टर और फार्मासिस्ट के संचालित हुआ। आयुष्मान आरोग्य केंद्र की महिला चिकित्सक और लैब टेक्नीशियन गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर स्वैच्छिक अवकाश पर थे।
अस्पताल में संसाधनों की कमी और अव्यवस्था
फार्मासिस्ट जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल गए थे। इस दौरान, केवल दो प्रशिक्षु फार्मासिस्टों ने कई पुराने मरीजों को देखा, जबकि नए मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। महिला कर्मचारी और आशा वर्कर अपने-अपने कार्यों में व्यस्त थीं। यहां आयोजित विशेष सत्र में गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण और पोषण के बारे में जागरूक किया गया।
यह आश्चर्य की बात है कि इस केंद्र से 91 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। हर महीने 250 से अधिक गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आती हैं, फिर भी यहां प्रसव के लिए कोई सुविधा नहीं है। केंद्र के प्रवेश द्वार पर बेसहारा पशु घूमते हुए देखे गए।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति में मरीजों की दिक्कतें: प्रशिक्षु फार्मासिस्टों की सीमाएं
केंद्र में कई मरीज आए, जिन्हें प्रशिक्षु फार्मासिस्टों ने देखा। बिमलेश अपने बेटे वैभव, जो खांसी और डायरिया से पीड़ित था, की दवा लेने आई थीं। वहां कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं था। ऐसी स्थिति में, उन्होंने प्रशिक्षु फार्मासिस्ट से संपर्क किया, लेकिन उन्हें दवा नहीं मिल सकी। प्रशिक्षु फार्मासिस्ट ने बताया कि यहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और वे बच्चे को दवा नहीं दे सकते।
गर्भवती महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड में ट्रेकिंग सिस्टम की बाधाएँ
ट्रेकिंग सिस्टम के कारण इन दिनों गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड करवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नंगला एन्क्लेव की निवासी गर्भवती अलका पिछले दो दिनों से केंद्र के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनका अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है।
गर्भवती महिला की समस्या का समाधान और पंजीकरण प्रक्रिया का निष्कर्ष
गर्भवती महिला ने शुक्रवार को केंद्र में आकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। बाद में, वह महिला कर्मचारी निशा, रेखा और आशा वर्कर कमलेश से मिलीं, जिसके बाद उनकी समस्या का समाधान हो सका। उनका नाम पोर्टल पर पंजीकृत कर दिया गया। अलका ने बताया कि नाम पंजीकृत होने के बाद अब वह निजी संस्थान में जाकर अल्ट्रासाउंड करवा लेंगी, क्योंकि नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण की अनिवार्यता और प्रक्रिया
स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा प्रत्येक गर्भवती महिला का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग पोर्टल पर गर्भवती महिला का नाम पंजीकृत होने के बाद ही अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है। यह कार्य केंद्र में महिला कर्मचारी या आशा वर्कर द्वारा संपन्न किया जाता है। यदि महिला कर्मचारी और आशा वर्कर फील्ड में होती हैं, तो केंद्र में आने वाली गर्भवती महिलाओं को पंजीकरण के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
मासिक ओपीडी और लैब गतिविधियों का सारांश
-2800, माह के दौरान ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों की संख्या।
-1500, माह के दौरान लैब में की गई कुल जांच।
स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक दवाओं की कमी
कैल्शियम, कफ सिरप और आयरन की गोलियों की उपलब्धता में कमी है।
स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति की स्थिति
-01- चिकित्सा अधिकारी, स्वैच्छिक अवकाश पर हैं।
-01 लैब टेक्नीशियन, स्वैच्छिक अवकाश पर हैं।
-01 फार्मासिस्ट, जिला नागरिक अस्पताल गए हैं।
-01 नर्सिंग अधिकारी, स्वैच्छिक अवकाश पर हैं।
आयुष्मान केंद्र के लिए स्थायी इमारत की खोज
नंगला एन्क्लेव का आयुष्मान केंद्र वर्तमान में किराये की इमारत में संचालित हो रहा है। प्रयास जारी है कि आसपास के क्षेत्र में किराये पर कोई बड़ी इमारत प्राप्त की जा सके। इसके बाद वहां डिलीवरी हट शुरू की जा सकेगी। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई अन्य कमी है, तो उसे दूर किया जाएगा। - डॉ. एमपी सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी




Comments