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फरीदाबाद के नीतीश को जमानत, बिहार का नीतीश कुमार जेल से आया बाहर, हुआ फरार, ऐसे खुली बल्लभगढ़ जेल की लापरवाही

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित नीमका जेल में एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है। नीतीश कुमार पांडे नामक एक कैदी, जो पॉक्सो एक्ट के तहत बंदी था, गलती से दूसरे कैदी की जमानत पर रिहा हो गया। जेल प्रशासन नाम और पिता के नाम की समानता के कारण भ्रमित हो गया। इस बीच, वास्तविक जमानत प्राप्त करने वाला कैदी जेल में ही रह गया।

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फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां की नीमका जेल में एक असामान्य घटना घटी है। एक कैदी की रिहाई के इस अनूठे मामले की चर्चा हो रही है। दरअसल, जमानत किसी अन्य कैदी को मिली थी, लेकिन उसे अपना बताकर चार साल से जेल में बंद एक दूसरा कैदी जेल से बाहर आ गया। वह पॉक्सो एक्ट के तहत बंद था। जेल प्रशासन इस घटना से अनजान रहा।


नाम और पिता के नाम की समानता के कारण यह भ्रम पैदा हुआ कि असली जमानत पाने वाला कैदी जेल में ही रह गया, जबकि गंभीर धाराओं में बंद आरोपी फरार हो गया। अब सदर बल्लभगढ़ थाना पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।


मारपीट के मामले में गिरफ्तार नीतिश कुमार पांडे

कैदी का नाम नीतिश कुमार पांडे है और वह बिहार के पटना जिले का निवासी है। उसके पिता का नाम रविंद्र है। वह अपने परिवार के साथ राजीव कॉलोनी में निवास करता था। 25 मई को ओल्ड फरीदाबाद की शास्त्री कॉलोनी के निवासी नितेश कुमार (पिता-रविंद्र) को मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।


जेल अधिकारियों की गलती से गलत नीतिश कुमार पांडे को मिली जमानत

26 मई को उसे अदालत से जमानत प्राप्त हो गई। इस अवधि में, जेल में पॉक्सो ऐक्ट के तहत बंद एक अन्य आरोपी, जिसका नाम भी नीतिश कुमार पांडे था, जेल अधिकारियों को भ्रमित करके जमानत पर रिहा होने में सफल हो गया।


जेल प्रशासन की चूक: कैदी की गलत रिहाई का मामला

कैदी 26 मई को जेल से रिहा होने के बाद फरार हो गया। 27 मई को ओल्ड फरीदाबाद निवासी नितेश कुमार के परिवार के सदस्य जेल पहुंचे और उसकी रिहाई के संबंध में जानकारी मांगी, तब जेल प्रशासन को अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने नितेश कुमार को रिहा कर दिया। इसके पश्चात जेल प्रशासन ने इस मामले की सूचना पुलिस के उच्चाधिकारियों को दी।

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